September 13, 2025

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हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन,एवं पुस्तक विमोचन एवं आवाज़ साहित्यिक रत्न सम्मान 2025 का आयोजन किया गया

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मुनिकीरेती।आवाज़ साहित्यिक संस्था एवं गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति ढालवाला मुनिकीरेती के संयुक्त तत्वावधान मे हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया कवि सम्मेलन,एवं पुस्तक विमोचन एवं आवाज़ साहित्यिक रत्न सम्मान 2025 —

आवाज़ साहित्यिक संस्था एवं गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति ढालवाला मुनिकीरेती के संयुक्त तत्वावधान मे राजभाषा हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर होटल चंद्रा पैलेस ढालवाला में कवि सम्मेलन , स्व द्वारिका प्रसाद मलासी आवाज़ साहित्यिक रत्न सम्मान, बाल काव्य संग्रह दादा जी की साइकिल* का विमोचन किया गया ,
कार्यक्रम का शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि लोक कल्याणकारी सरकार के केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल , नगरपालिका मुनिकीरेती के पूर्व अध्यक्ष महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास,संस्कारशाला के संरक्षक महेश कुड़ियाल, रवि शास्त्री,अशोक शर्मा क्रेजी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन,सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण से किया ,
समिति पदाधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं मंचाशीन महानुभावों को पुष्प गुच्छ एवं उत्तरीय भेंटकर स्वागत किया गया ,
सरस्वती वंदना के साथ स्वागत उद्बोधन एवं मुख्य अथिति समस्त मंचशीन अतिथियों द्वारा आवाज़ साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष अशोक शर्मा क्रेजी द्वारा रचित बाल काव्य संग्रह दादा जी की साइकिल का विमोचन किया गया इसके साथ ही साहित्य लेखन संरक्षण संवर्धन के साथ अनेकों पुस्तकों के लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु इस वर्ष का साहित्यकार लेखक शिक्षाविद् *स्व द्वारिका प्रसाद मलासी आवाज़ साहित्यिक रत्न सम्मान* 2025 से साहित्यकार लेखक शिक्षाविद् अशोक शर्मा क्रेजी को सम्मानित किया गया जिसमें उत्तरीया, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया ।
लोक भाषा संरक्षण संवर्धन में सक्रिय योगदान देने वाले संस्था के वरिष्ठ सदस्य कवि सत्येंद्र चौहान द्वारा निर्मित गीत काव्य वीडियो ऋषिकेश दर्शन का विमोचन माननीय कैबिनेट मंत्री जी द्वारा समस्त मंचाशीन महानुभावों की उपस्थिति मे किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाषा के साथ संसदीय कार्य एवं, वन मंत्री आदरणीय सुबोध उनियाल ने अपने उद्धबोधन में कहा कि साहित्य ने दुनिया के देशों की दिशा ओर दशा बदलने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है,आजादी की लड़ाई से लेकर उत्तराखंड राज्य के निर्माण में भी साहित्यकारों ने जन भावनाओं के अनुकूल साहित्य संवर्धन करते हुए राज्य निर्माण के लिए प्रेरित किया है, वर्तमान समय में भी अनेक सम सामयिक विषयों पर रचनाएं लिखी जा रही हैं जो बहुत ही प्रेरणा का विषय है।
कार्यक्रम अध्यक्ष आदरणीय आशाराम व्यास ने साहित्य को संवेदनाओं भावनाओं का संगम बताते हुए कहा कि साहित्य संपूर्ण विश्व की ऐसी विधा है जो मेत्री भाव की प्रेरणा देती है।
इस अवसर पर महंत मनोज प्रपन्नाचार्य , समिति संरक्षक चंद्रवीर पोखरियाल जी ,महेश कुड़ियाल जी, विशालमणि पैन्यूली जी गजेन्द्र सिंह कंडियाल जी आचार्य संतोष व्यास जी ने अपने विचार व्यक्त किए ।
इस अवसर पर आवाज़ साहित्यिक संस्था और संस्कार शाला परिवार के सदस्य डॉ रश्मि पैन्यूली,अनिता भट्ट,विशेश्वरी भट्ट,डॉ शिव प्रसाद बहुगुणा,भगत राम बिजल्वाण द्वारा कविताएं प्रस्तुत की गई जिसमें प्रमुख कवियों में
आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल,प्रबोध उनियाल , सत्येंद्र चौहान,धनीराम बिंजोला, नरेंद्र रयाल, शिवप्रसाद बहुगुणा, शुभम विष्ट, कमलेश रावत, डॉ रश्मि पैन्यूली, सिद्धि डोभाल, रचना कुंदनानी, सविता रतूड़ी, प्रियंका भट्ट , अनीता भट्ट आदि ने अपनी समसामयिक रचनाओं से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया ।
आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल जी के संचालन में चले कार्यक्रम में समिति के सदस्य सुरेंद्र सिंह भंडारी, महिपाल सिंह विष्ट,डॉ जनार्दन कैरवाण,जितेन्द्र भट्ट,सन्तोष व्यास,राजेन्द्र पाण्डे,विनोद द्विवेदी,शैलेश सेमवाल,नरेंद्र मैठाणी,भारत भूषण कुकरेती,दिनेश डबराल,रीना उनियाल,अमिता उनियाल,निर्मला उनियाल,अनिता वशिष्ठ,अनिता कोठियाल,दीपा भट्ट,आदि उपस्थित थे।

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