उत्तराखण्ड के शहीद सूर्यप्रकाश थपलियाल को पुष्पांजलि सहित उनकी माता जी को शाल भेंट कर आश्रीवाद प्राप्त किया
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मुनि की रेती 2 अक्टूबर को उत्ताखण्ड शहीद दिवस ओर देश के इतिहास में 2 अक्टूबर 1992 के दिन काले दिवस के रूप में सदा याद रहेगा जब उत्तराखण्ड के निहत्थे राज्य आंदोलनकारियों को गोलियों ओर मातृ शक्ति की अस्मिता से खिलवाड़ कर उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुलायम सरकार और केन्द्र की नरसिम्हा राव की सरकार ने शर्मसार करने का घृणित कार्य किया है।
उत्तराखण्ड में इस दिन को काले दिवस ओर सरकार की विफलता के रूप में मनाया जाता हैं बाबजूद अभी तक जिन्होंने ये कार्य किया है उन्हें न्यायालय से अथवा सरकार की ओर से दण्ड नही दिया गया है।इतिहास साक्षी रहा है कि उत्तराखंड का राज्य आंदोलन अंहिसा ओर शान्ति पूर्ण ढंग से संचालित किया गया किन्तु तत्कालीन राज्य एवं केंद्र सरकार के तांडव ने इसको कुचलने के लिए निहत्थों पर अभद्रतापूर्ण, गोली ओर इज्जत के साथ गम्भीर यातनायें देकर मैदान ओर पहाड़ का सवाल भी आंदोलन को तोड़ने की नाकाम कोशिश की ।
आज नगर के सभ्रान्त जन जिनमे राज्य आंदोलनकारी भी शामिल रहे शहीद सूर्य प्रकाश थपलियाल के घर गए और वँहा शहीद को चंदन, वन्दन, भावांजलि अर्पित कर उनकी माता जी को नीलम हिमांशु बिजल्वाण ने पुष्प गुच्छ ओर शाल ओढ़ाकर उनका आश्रिवाद प्राप्त किया।इस अवसर पर शिक्षा क्षेत्र और सामाजिक कार्यकर्ता चिंतामणि सेमवाल, गुरु प्रसाद बिजल्वाण, समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव लक्ष्मी प्रसाद रतूड़ी, ह्रदय राम सेमवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता रमाबल्लभ भट्ट श्री मति उनियाल अरविंद , राज्यआन्दोलनकरी भारत भूषण कुकरेती सहित अनेक जन शामिल रहे।