हस्तशिल्प का उद्देश्य हर खाली हाथ को काम:डॉ0ज्योति जुयाल
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ढालवाला :अमृत महोत्सव के अंतर्गत वस्त्र मंत्रालय हस्तशिल्प द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन एमआईटी संस्थान में भारतीय ग्रामोद्योग संस्थान ऋषिकेश एवं वस्त्र मंत्रालय हस्तशिल्प भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में हस्तशिल्प कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें उत्तराखंड की हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने हेतु उत्तराखण्ड के हस्तशिल्पियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया गया जिसमें विभिन्न प्रकार की घरेलू सामग्री पोशाक , जूट एवं विभिन्न प्रकार के रेशों से बनी सामग्री प्रदर्शित की गई , साथ ही छात्रों को हैंडलूम के द्वारा कपड़े को तैयार करने की बारीकी जानकारियां अनिल चंदोला के द्वारा समझाई गई।
कार्यशाला के दूसरे दिन छात्रों को संबोधित करते हुए एम आई टी संस्थान की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ज्योति जुयाल ने छात्रों को हस्तशिल्प कला की महत्ता एवं गुणवत्ता को समझाते हुए बताया कि यह एक ऐसा कौशल है जो की पीढ़ी दर पीढ़ी हमारी संस्कृति को विकसित एवं संरक्षित करने के साथ-साथ प्रत्येक खाली हाथ को रोजगार उपलब्ध कराता है आने वाले समय में इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तथा शिल्प उत्पादों को बनाने तथा उनसे आय प्राप्त करने के लिए आज विभिन्न प्रकार के प्लेटफार्म भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं यह कार्यशाला भी उसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है निश्चित रूप से यह कार्यशाला युवाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लाभदायक सिद्ध होगी।
मुख्य वक्ता के रूप में आकांशा डोबरियाल और आयुषी गुप्ता ने विभिन्न उत्पादों के निर्माण और उनसे जुड़ी सामग्री की उपलब्धता और उनकी मार्केटिंग से संबंधित स्रोतो की जानकारी साझा करते हुए छात्रों को हस्तशील्प से जुड़ने हेतु प्रेरित किया,।
सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए संस्थान निदेशक रवि जुयाल ने भारत सरकार के अथक प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में बीना पुंडीर,उषा नकोटी, प्रेमलाल, शैलेश,अजय तोमर डॉ0 प्रेम प्रकाश पुरोहित, राजेश सिंह, डा0 रितेश जोशी,गीता चंदोला,शिल्पी कुकरेजा रवि कुमार,तथा सभी शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे ।