September 21, 2025

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मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ’हिंदी दिवस समारोह-2024’ में प्रतिभाग किया

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मुख्यमंत्री पी. सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. प्रेक्षागृह, चॉकलेट में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा ‘हिंदी दिवस समारोह-2024’ का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की पुस्तक ”उत्तराखंड की लोक कथाएँ” का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कविता लेखन, कहानी लेखन, यात्रा वृतांत लेखन और नाटक लेखन प्रतियोगिता के प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रों को पद और बोर्ड परीक्षाओं में हिंदी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी नियुक्त किया।

 

 

मुख्यमंत्री ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी भाषा के प्रोत्साहन और लाभ के लिए अहम योगदान वाले लोगों से मुख्यमंत्री ने साझेदारी की। उन्होंने कहा कि हिंदी एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि हमारी संस्कृति के गौरव का अवसर है। हिंदी एक भाषा ही नहीं हमारे राष्ट्र की आत्मा भी है। हिंदी ने हमारे समाज को जोड़ा है और हमारी परंपराओं को समृद्ध किया है। विश्व पटल पर हमें विशेष स्थान प्रबंधक है। हिंदी केवल हमारे लिए संवाद का माध्यम नहीं है बल्कि हमारी अस्मिता, संस्कृति और भारतीयता का प्रतीक भी है। हिंदी ने विविधता से हमारे समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है। सहजता, सरलता और दृढ़ता से हिंदी में समन्वय की अद्भुत क्षमता है। हिंदी की कीर्ति केवल भारत तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में यह संवाद का एक प्रमुख सेतु बन गया है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन किया जा रहा है। हिंदी ने समाज में जागरूकता जागरूकता में भी अहम भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हिंदी सामाजिक निजी का भी प्रमुख माध्यम बनी हुई है। स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजी भाषा की बनी और देशवासियों को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिंदी के विकास के लिए निरंतर कार्य करती रहती है। वे हिंदी भाषा के लाभ के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा खोजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान कई नवीन योजनाओं और नवाचार के माध्यम से लोगों को अनुमति देने का काम कर रहा है। यह प्रयास भाषायी विकास के प्रति खण्डों को ख़त्म करने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तराखंड सम्मान’ के तहत मान्यता प्राप्त गौरव और धार्मिक अनुष्ठानों को ‘उत्तराखंड सम्मान’ के तहत सम्मानित किया जाता है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा वित्तीय सहायता योजना के तहत 17 वर्ष की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है, जो कि हमारे पाठकों को भी प्रेरित करती है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब भारत दुनिया की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे समय में हिंदी का प्रचार-प्रसार हमारे लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हिंदी को वैश्विक मंच स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनका हिंदी में उपयोग करने से हिंदी को वैश्विक पहचान मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी के मुद्दे और समृद्धि के लिए राज्य सरकार अनेक प्रयास कर रही है। हिंदी का गौरव समूह रखना हम समूह सामूहिक जिम्मेदारी है। आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि अपनी मातृभाषा हिंदी भाषा का सम्मान करें। इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाएं ताकि हिंदी 21वीं सदी की तंबाकू भाषा बने। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि युवाओं को कई समुद्रों को सीखना चाहिए और इसे लेकर किसी भी तरह का कोई भी आर्द्र मन से सीखना होगा। उन्होंने कहा कि बाल्यकाल में तुमने जो सीखा, वो तुम्हारा जीवन भर काम आने वाला है।

 

मंत्री श्री एसडीओ भाषा उनियाल ने भाषा संस्थान की ओर से मुख्यमंत्री के सहयोगी संवाद में कहा कि जो भी प्रस्ताव भाषा संस्थान की ओर से भेजा गया है, उन्हें उन्नत उद्यम प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट द्वारा बोलियों में पुरस्कारों की शुरुआत के साथ ही नवोदित लेखकों को भी मान्यता देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृति का संरक्षण और समृद्धि के लिए भाषा का मुद्दा बहुत जरूरी है। अपनी भाषा में बधाई पर काम करने से कोई छोटा नहीं होता। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री से साहित्य संग्रहालय पुरस्कार की स्थापना के लिए पांच लाख रुपये की पेशकश की गई थी, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। राज्य में यह पुरस्कार विभिन्न प्रकार से प्रदान किया जाएगा।

 

इस अवसर पर प्रमुख श्री खजान दास, साकीत एवं पूर्व पितृपुरुष डा.सुधा क्वीन पेंज, दून विवि के पितृ प्रो. सुरेखा डंगवाल, सचिव श्री विनोद रातौड़ी, भाषा संस्थान की निदेशक श्रीमती स्वाति बजाज उपस्थित थीं।

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