गोविंद गोपाल कुटीर माया कुंड में महन्ताई चादर विधि का कार्यक्रम संपन्न हुआ
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ऋषिकेश : गोविंद गोपाल कुटीर माया कुंड में महन्ताई चादर विधि का कार्यक्रम विरक्त वैष्णव मंडल समिति ऋषिकेश श्री रामानंद वैष्णव विरक्त मंडल समिति हरिद्वार ने बड़ी धूमधाम के साथ संपन्न हुआ
आज माया कुंड स्थित गोविंद गोपाल कुटीर मैं राघवेंद्र सरकार के परम अहेतुकी से अभिराम दास शिष्य राम गोपाल दास जी का महंगाई चादर विधि एवं सजीवन दास श्री छविराम दास जी का महन्ताई उत्तराधिकारी चादर विधि विरक्त वैष्णव मंडल समिति ऋषिकेश एवं श्री रामानंद वैष्णव विरक्त मंडल समिति हरिद्वार के सानिध्य में महामंडलेश्वर श्री महंत जगद्गुरु के द्वारा समस्त ऋषिकेश हरिद्वार अयोध्या सभी जगह के संत महात्माओं ने महंगाई चादर विधि संपन्न की
कार्यक्रम का संचालन महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने किया
कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा बलराम दास हठ योगी महाराज ने की
इस अवसर पर सभी संत महात्माओं ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एवं मठ मंदिरों के रखरखाव एवं सुरक्षा के लिए अपने-अपने विचार रखें
इस अवसर पर श्रीमती अनीता मंमगाई नै भी संतों का आशीर्वाद लिया उन्होंने संतों के बीच बोलते हुए कहा कि आज के परिवेश में भू माफियाओं की नजर मठ मंदिरों में ज्यादा रहती है उसे बचाने के लिए हमेशा आपके साथ खड़ी रहूंगी जब तक शरीर में प्राण है
इस अवसर पर हनुमानगढ़ी के महंत
गौरीशंकर दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज महामंडलेश्वर विष्णु दास महाराज महामंडलेश्वर दुर्गा दास महाराज महंत मेघनाथ दास महाराज महामंडलेश बिंद्रावन दास महाराज महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज युवराज संत गोपालाचार्य महाराज महंत सूरदास महाराज आलोक हरि महाराज लखन दास महाराज रामसुखदास वेदांतीम महंत दास महाराज संतोष दास महाराज रामसुखदास वेदांती शिव बालक दास महाराज उन्नाव कुलदीप सिंह उन्नाव महन्त छोटन दास श्री उमेश दास महाराज गुजरात आदि संत उपस्थित थे
कार्यक्रम के दौरान आए हुए सभी संत महंतो का वर्तमान बने महंत संजीवन दास महाराज ने सभी संत महात्माओं महामंडलेश्वरों को सोल पुष्प हार पहनाकर आदर सम्मान किया
वर्तमान में बने महंत सजीवनदास ने विरक्त वैष्णो मंडल समिति ऋषिकेश एवं श्री रामानंद वैष्णव विरक्त मंडल हरिद्वार को विश्वास दिलाते हुए कहा कि मैं अपना पूरा जीवन सनातन धर्म की रक्षा एवं उसके उत्थान में लगा दूंगा कहीं भी संतों की रक्षा एवं संतों की हितों के लिए मेरा जीवन समर्पित रहेगा उन्होंने अपने पुरखों की परंपरा को में आगे बढ़ाऊंगा