September 20, 2025

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हिन्दी फ़िल्मों के सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता श्री परेश रावल ने महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी से मुलाक़ात*

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मंगलवार को मसूरी रोड पर अनंत नारायण महादेवन द्वारा निर्देशित आगामी बॉलीवुड फिल्म “पास्ट टेनस” के सेट पर बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता श्री परेश रावल से गुड़गांव और उत्तराखंड विकास फिल्म परिषद (यूएफडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बंशीधर तिवारी ने मुलाकात की। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक सूचना एवं संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. पापा भी उपस्थित रहे।

परेश रावल ने अभी तक अपनी फ़िल्मों में 240 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया है और कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं। फ़्लाइंग स्टोंस फ़िल्म के बैनर तेल बन रही फ़िल्म “पास्ट टेनस” जिसके निर्देशक अनंत नारायण महादेवन हैं। इस फिल्म के मुख्य किरदारों में श्री परेश रावल, आदित्य रावल, आदिल हुसैन, शारिब हाशमी, तनिष्ठा चटर्जी, गगन देव रीयर, स्मिता ताम्बे, शशीर शर्मा और श्रद्धा भट्ट अभिनय कर रहे हैं। यह फिल्म एक सोशल फिल्मी ड्रामा फिल्म है, जिसमें सपोर्ट क्रू लोकल लेवल से ज्यादा से ज्यादा लिया गया है।

गॉडफादर श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नई फिल्म नीति में फिल्मों के लिए पहले से ही अधिक ग्रांट की राशि को शामिल कर लिया गया है, स्टेडियम प्लेटफॉर्म पर फिल्में और वेब सीरीज को भी मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्प सिंह धामी के निर्देशन में सरकारी फिल्म निर्माण से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिए पूर्णरूपेण सत्य है। प्रदेश सरकार फिल्म निर्माण से राज्य में डायरेक्ट रोज़गार की नई गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है। इस नई पिट फिल्म पालीसी में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव है। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (यूएफडीसी) पर्यटन विभाग के सहयोग से उत्तराखंड के कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का भी प्रचार कर रही है ताकि राज्य में नए शूटिंग डेस्टिनेशन स्थलों को बढ़ावा दिया जा सके। हो सके।

मुलाक़ात के दौरान बातचीत में श्री परेश रावल ने कथित तौर पर श्री बंशीधर तिवारी को बताया कि अभी हाल ही में उन्होंने अपनी दो बॉलीवुड फ़िल्मों की शूटिंग की है, जो कि उन्होंने हॉलैंड में की है, उनके साथ दोस्ती की है, प्रोडक्शन का काम अभी चल रहा है और वो भी जल्द ही रिलीज़ होने वाला है। अंतिम पर हैं।

राज्य में लागू हुई नई फिल्म नीति की सारहाना करते हुए श्री रावल ने कहा कि राज्य में सभी प्रकार की शूटिंग परमिशन प्रक्रिया के सरल से होने के कारण उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (यूएफडीसी) द्वारा लागू किया गया है। देश के अन्य राज्यों के लिए पूरी एक फिल्म फ्रेंडली डेस्टिनेशन के रूप में उभर रही है।
उन्होंने कहा कि इस नई नीति के फिल्मांकन की शूटिंग को बढ़ाने के लिए सभी नेपोलियन के खिलाफ काम किया गया है। हिंदी और स्थानीय फिल्मों को अनुदान की व्यवस्था और समय-समय पर मुफ्त शूटिंग परमिशन मीटिंग के कारण राज्य में अधिक से अधिक शूटिंग करने का प्रोत्साहन मिल रहा है, और बताया गया है कि यहां स्थानीय लोगों द्वारा भी शूटिंग के दौरान हर प्रकार राज्य को फिल्मों की शूटिंग के लिए एक उपयुक्त धार्मिक तैयारी में मदद के लिए भी सहायता मिलती है। उनके अनुसार इस नई फिल्म नीति से फिल्म में जोश का मनोबल है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले कुछ समय से फिल्म और वेब सीरीज की शूटिंग में तेजी आई है। अभी हाल ही में पिछले दिनों निर्माता निर्देशित श्री विपुल शाह की एक कॉमेडी सस्पेंस फिल्म अकाउंट का शूट कम्पलीट हुआ था। उनसे पहले अनुपम खेर स्टूडियोज की फिल्म “तन्वी द ग्रेट” का शूट भी लैंसडाउन में कैम्पलीट हुआ था। फोटो शूट यहाँ 36 दिन तक चला। राज शांडिल्य द्वारा निर्देशित फिल्म “विकी विद्या का वो वाला वीडियो” की शूटिंग भी मार्च महीने में हुई थी जिसमें मुख्य किरदार प्रिंस राव और तृप्ति डिमरी हैं। इससे पहले काजोल और कृति सेनन अभिनीत “डोफ्ले” का शूट दिसंबर माह में समाप्त हुआ था।

यूनाइटेड डायरेक्टर एडवाइजरी डाओनाटेड नायडू ने बताया कि माउंटेन में शूट हुई “11 11” (ग्यारह-ग्यारह) वेब सीरीज zee5 पर आकलन किया जा सकता है जिसमें उत्तराखंड के ही डांसिंग स्टार राघव जुयाल मुख्य कलाकार शामिल हैं। zee5 पर आप “राउतू का राज” फिल्म भी देख सकते हैं जिसमें मुख्य किरदार नवाजुद्दीन सिद्धिकी ने किया है। वेब सीरीज “लाइफ हिलगे” को डिज्नी हॉटस्टार पर देखा जा सकता है, जिसमें उत्तराखंड के कई कलाकार शामिल हैं। अमित सियाल द्वारा अभिनीत एक फिल्म जिसका नाम “तिकड़म” जियो सिनेमा प्रीमियम पर इसी महीने 23 अगस्त को रिलीज़ हुई है।
प्रदेश में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी स्थानीय समुद्री फिल्मों की फिल्मों की शूटिंग की संख्या में भी लगातार भीड़ देखने को मिल रही है। अभी पिछले कुछ महीनों में उत्तराखंड की क्षेत्रीय बोलियों में बनी गढ़वाली फिल्में मिथ्या, असगर, शहीद, संस्कार भी गायब हैं जिन्हें उत्तराखंड में और राज्य के बाहरी दर्शकों द्वारा जगह दी जा रही है।

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