ई- रिक्शा के खिलाफ हड़ताल कहां तक जायज?
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मुनी की रेती ; ई रिक्शा की सवारी से लोग खुश हैं तथा हर जगह सुविधानुसार रिक्शा जा सकता है पिछले कई वर्षों से विक्रम और टेंपो में मनमानी के कारण लोग परेशान थे, ऐसे में लॉकडाउन के बाद ई-रिक्शा की बढ़ोतरी हुई और बेरोजगारी होने के कारण मजबूरन कई लोगों को ई-रिक्शा का व्यवसाय अपनाना पड़ा ,जिसमें महिलाएं भी शामिल है तथा महिलाएं स्वयं आत्मनिर्भर होकर ई रिक्शा का संचालन कर रही हैं तथा अपने व अपने परिवार का गुजर-बसर कर रही है l
आज की विक्रम ऑटो टैक्सी महासंघ द्वारा की गई हड़ताल कहां तक जायज है ? यह कहना तो मुश्किल है, किंतु समाज मैं रोजी-रोटी हेतु कार्य करने का का हक सबको है यदि विक्रम चालक टेंपो चालक हड़ताल व आंदोलन कर ई-रिक्शा को हटाना चाहते हैं तो इसे जायज नहीं ठहराया जा सकता l
कई लोगों ने अपनी राय देते हुए कहा कि ई-रिक्शा चलने के कारण विक्रम टेंपो के मनमानी पर रोक लगी और कम से कम दाम में अधिक सुविधा लोगों क मिल रही है जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी हड़ताल जायज है तो लोगों का कहना था हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है सबको अपनी रोजी-रोटी कमाने का हक है फिर प्रदूषण के मामले में ई-रिक्शा सब से बेहतर है लोगों का कहना है कि जब प्रदूषण रहित वाहन चलेगा तो लोग उसे ही पसंद करेंगे l

