क्या केजरीवाल के डर के कारण ,भाजपा ने किया अपनी रणनीति में बदलाव?
1 min readयदि यूं कहा जाए कि केजरीवाल का जादू या झाड़ू जहां भी लग रहा है वहां सूपड़ा साफ करते हुए चल रहा है चाहे दिल्ली हो या फिर पंजाब इसके अलावा गुजरात स्थानीय चुनाव मैं आप पार्टी की जीत एक नई राजनीतिक परिभाषा का ताना-बाना बुन रही है इसकेे अलावा हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश गुजरात, में ‘आप ‘अपनेेे पूरे दमखम के साथ पैर पसारने जा रही है जिसका असर भाजपा वह कांग्रेस पर साफ साफ नजर आ रहा है किंतुुु आप का सर कितनाा होगा यह होनेेेे वाले विधानसभा चुनाव बताएंगे किंतु एक बात तो स्पष्ट्ट है ‘आप’ राष्ट्रीय राजनीति में एक धमाका है और कांग्रेस केेे लिए तो खतरेे की घंटी है l
वहीं भाजपा को कांग्रेस से तो नहीं पर केजरीवाल का डर जरूर सता रहा है .उसका ताजा उदाहरण उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है नवनियुक्त धामी सरकार जिसके 30 तारीख को 100 दिन पूरे हो जाएंगे उसकी रणनीति व कार्य शैली में स्पष्ट बदलाव नजर आता है, जो कल तक वीआईपी स्टाइल में चलते थे, वह आज जगह-जगह जनता के बीच नजर आ रहे हैं और इसका श्रेय यदि केजरीवाल को दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ,क्योंकि जनता की राजनीति की शुरुआत केजरीवाल ने की है ,भाजपा भले ही सत्ता में लंबे समय से है लेकिन भाजपा हमेशा कांग्रेस स्टाइल पर चलती रही किंतु कुछ समय से जब से केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के बाद भाजपा के माथे पर लकीर दिखने लगी है और यही कारण है कि उत्तराखंड में सरकार के कदम बदले बदले नजर आ रहे हैं उसमें चाहे मुख्यमंत्री हो या मंत्रीगण सब जनता की सुध लेते नजर आ रहे हैं और जनता के बीच नजर आ रहे हैं l

