ब्रह्मलीन नन्द किशोर शर्मा की प्रथम पुण्य तिथि में श्रीमद भागवत कथा का शुभारम्भ
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डाँडी, श्री साँई धाम मनोकामना मन्दिर डाँडी में आज कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली के पुण्य अवसर पर ब्रह्मलीन नन्द किशोर शर्मा की प्रथम पुण्य तिथि पर श्री मद कथा का शुभारंभ व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य गणेश जी के मुखार वृन्द से कथा श्रवण की अमृत कथा का शुभारम्भ किया गया।इस अवसर पर नन्द किशोर शर्मा परिवार के ज्येष्ठ पुत्र अभिनव शर्मा और अनुज पुत्र शंशाक शर्मा ने वैदिकमंत्रोचार के साथ व्यास पीठ का स्वागत सत्कार कर सभी आगन्तुक जनो का अभिनन्दन किया गया ।
आज प्रातः काल साँई मन्दिर डाँडी से त्रिवेणी घाट पहुँचकर माँ गङ्गे की पूजा अर्चना कर माँ गङ्गे का आश्रीवाद कर अपने ईष्ट देव एवं कुलदेव का स्मरण , वन्दन अपने पित्रो को याद करते हुए संकल्प लेकर श्री मद भागवत कथा का सप्त दिवसीय आयोजन की सफलता की प्रार्थना की।उसके बाद कलश यात्रा का प्रारम्भ कर व्यास जी एवं श्री मद भागवत का स्वागत सत्कार कर यात्रा प्रारम्भ की गई। यात्रा त्रिवेणी घाट से साँई मन्दिर डाँडी तक भव्यता ओर दिव्यता के साथ निकाली गई।उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार आदि का शुभारम्भ के बाद व्यास पीठ पर विराजमान गणेश जी महाराज को अंग वस्त्र, माला ओर वरणी सहित स्वर्ण अंगूठी भेंट कर उनके साथ आई मण्डली का भी स्वागत सत्कार कर भेंट अर्पित की।
आज कथा का प्रारम्भ गणेश वंदना ओर श्री मद भागवत का महत्व बताते हुए कथा का श्रवण कैसे ओर क्यो करना चाहिए ।उससे अवगत कराया।तीर्थ कुर्वन्ति तीर्थाणी… से कथा प्रारम्भ की ।उन्होंने कहा कि भगवान को मानना ओर उसकी बातों को ना मानना गलत है।कस्तूरी कुंडली बसे .. . । इसलिए पहले स्वयं को जानो फिर ईश्वर को पहुँचानो। ईश्वर बनना आसान है पहले इंसान बनो।जो अच्छे से में अंतर जानता है वही चेतन है वही मानवता है।बुराई को त्याग करें वही इंसान है।इसलिये मानव बनना कठिन है। घठओर मठ को हर किसी को जानना चाहिए।जगत मिथ्या ओर ब्रह्म सत्य है। उमा कन्हु में सपना अपना….. ।मात्र घड़ा घड़ा नही है वो मिट्टी भी है। आदि दैविक, भौतिक आदि के महत्व सूत्रों ओर उदारहण के साथ बताया है । आज के परिवेश को याद करते हुए उन्होंने अपने मूल अस्तित्व को सदैव स्मरण करने को कहा तथा अपने पैतृक निवास पर बसने , रचने ओर निरन्तर आगे बढ़ने का प्रयास किया।उन्होंने जोर देकर गाँव मे बसने का आव्हान सभी से किया। ऐसा सुनाओ जो कानो को अमृत प्रदान करे।बुराई को त्यागना ही भक्ति ज्ञान है ।ज्ञान , वैराग्य भक्ति का समावेश नोविद्या भक्ति का मानव जीवन कल्याण करने में सहायक सिध्द हो सकता है।व्यासपीठ पर विराजमान गणेश जी ने ईश्वर भजन गाकर सभी आगन्तुको का दिल जीत लिया।उन्होंने कहा कि श्री मद भागवत कथा पुरातन 5000 वर्षो से निरन्तर गाया जा रहा है परन्तु ये आज भी हर स्तर पर अपनी सत्यता उजागर कर नित नया नया बनकर भक्ति , ज्ञान, वैराग्य का भाव पैदा कर रहा है।नाम सुमिरन बहुत जरूरी है।कथा दवा की तरह हो परन्तु वो कड़वी ना हो। आज की कथा समाचार लिखे जाने तक चल रही है।
आज की कथा में सन्तोषी देवी सुयाल, अदिति शर्मा,सुरभि भदुला, मधु गुप्ता, सरिता शर्मा, अनिता कुकरेती, आचार्य राजेश सिलस्वाल, पण्डित सत्यप्रकाश तिवाड़ी, विक्रम जोशी, सतीश चन्द्र बड़थ्वाल , सोहनलाल केष्टवाल ,सुंदर लाल नौटियाल, कांता प्रसाद भदोला, पण्डित सतीश चंद्र शर्मा, आकाश सुयाल सहित सैकड़ों जन उपस्थिति इस अमृत कथा का पान कर रहे है।