क्या भाजपा को केजरीवाल का डर सता रहा है ?
1 min readसर्वोच्च न्यायालय के पांच जजों के पीठ के फैसले को दरकिनार करते हुए, केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर जनता द्वारा चुनी गई सरकार पर लगाम लगाने का प्रयास किया है यह उचित है ,या नहीं ? पर इतना स्पष्ट है कि देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लिए गए फैसले पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह जरूर लगा दिया है?
आज इस बात की चर्चा हर जगह है तथा देश का हर नागरिक इसे गलत ही बताएगा ,क्योंकि जब किसी भी व्यक्ति के पास कोई रास्ता नहीं बचता ,तो वह न्याय के लिए न्यायालय की शरण में जाता है ताकि उसे न्याय मिल सके और उसे न्याय मिल भी जाए , और यदि न्यायालय के उस फैसले को भी दरकिनार कर दिया जाए तो वह व्यक्ति कहां जाएगा ,यह बड़ा प्रश्न है?
जो भी हो इस पूरे मामले पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी को आप पार्टी व केजरीवाल का डर सता रहा है या यूं कहें कि केजरीवाल व आप पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से बीजेपी घबरा गई है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को पता है ,अन्य कोई दल उसे चुनौती नहीं दे सकता है इसका एक बड़ा कारण है सभी दलों की कुछ न कुछ कमजोरी है ,जो किभाजपा के लिए रामबाण की तरह हैं तथा केजरीवाल का बड़े लंबे समय से तोड़ नजर नहीं आ रहा है और भाजपा येन केन प्रकारेण केजरीवाल व आप पार्टी को घेरने का पूरा प्रयास कर रही है l
भाजपा व आप पार्टी जमीनी हकीकत पर नजर दौड़ाई जाए तो दोनों में स्पष्ट अंतर है इस अंतर को समझना भी जरूरी है आखिर क्या कारण है कि आप की नीतियों से जनता प्रभावित है और किसके जनाधार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है चाहे गुजरात चुनाव हो,या हाल में ही नगर पालिका/ नगर पंचायत उत्तर प्रदेश के चुनाव हो आप का डंका बज रहा है ,इसका कारण है कि आप द्वारा शुरू की गई शिक्षा मॉडल व चिकित्सा क्षेत्र की क्रांति को लोग सराहा रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी ढाक के तीन पात यानी पुराने राजनीति के ढर्रे पर चल रही है, उनके पास ढिंढोरा पीटने को कुछ नहीं है जनता की जेब में डाका डालने के अलावा अपने किए गए वायदों से मुकर रही है भाजपा का एक नारा चुनाव में लगातार गूंजता रहा, बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार भाजपा सरकार, रोजगार देने का वादा को वह सिरे से भुला चुकी है l