22 मई को ‘पिंडी की भराड़ी खैट की आचरी’ यात्रा प्रारंभ होगी
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उत्तराखंड को देवी देवताओं की नगरी के रूप में विख्यात है और तमाम देवी देवता का वास उत्तराखंड की धरती पर है इसी उत्तराखंड के प्रतापनगर क्षेत्र में पर्वत पर परियों की पूजा की जाती है और कहा जाता है कि इस पर्वत पर परियों का वास है और इस स्थान पर खैट भराड़ी नाम का एक मंदिर है जिसे रहस्य का केंद्र माना जाता हैl
पिंडी की भराड़ी खैट की आचरी दो दिवसीय यात्रा का शुभारंभ दिनांक 22 मई 2030 को चंबा से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत की गरिमामय उपस्थिति के बीच होगा l
उक्त जानकारी देते हुए यात्रा संयोजिका आचार्य अंजली माता सुरकंडा देवी भाषण व यात्रा सह संयोजिका इंदिरा आर्य द्वारा बताया गया की यात्रा चंबा से प्रारंभ होकर घोटी पुल से होते हुए देवखाल तक वाहन में जाएगी तथा यहां से भराड़ी मंदिर तक पैदल यात्रा द्वारा अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचेंगे ।
उन्होंने बताया कि चंबा में यात्रा संयोजिका के घर से कलश यात्रा प्रारंभ कर दुर्गा मंदिर पहुंचेगी तथा वहां से यात्रा वाहनों के द्वारा देवखाल तक जाएगी तत्पश्चात पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचेगी ।