देवभूमि की सँस्कृति बहुत महान है जो विश्व ओर जन जन के कल्याण की बात करती है-सुबोध उनियाल
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गढ़भूमि लोक सँस्कृति सरंक्षण समिति के दो दिवसीय गढ़ उत्सव समारोह में मुख्य अथिति वन एवं भाषा, तकनीकी मन्त्री ने कहा कि गढ़भूमि लोक सरक्षंण समिति का विगत वर्षों से अपने सभ्यता, सँस्कृति, लोकगीत, संगीत के कल्याण के लिये कार्य कर रही है उसकी प्रशंशा करता हूं।देवभूमि की परंपरा प्राचीन और विश्व कल्याण की भावना का सन्देश दे रहा है।उन्होंने कहा कि हम उनमें से है जिन्होंने भगवान को पूजा , मानव की सेवा, प्रकृति की साधना, पशुओं को पूजना, जल पूजन और शायद ऐसा देश भारत है अन्य देश ऐसा नही सोचते है। उन्होंने कहा कि वो अभी वियतनाम ओर कम्बोडिया यात्रा पर गए जँहा भारतीयों का बहुत ज्यादा सम्मान किया जाता है।सच ये है कि उन्होंने विकाशशील होकर विकास के पथ पर आगे बढ़ गए है परन्तु मानवीय गुणों में न्यूनता का होना आम है जबकि अपने देश मे चुम्बकीय शक्ति है जो विश्व मे डंका बजाकर उन्हें अपने परम्परा से जोड़ने का प्रयास कर विश्वगुरु बनाने में निरन्तर आगे बढ़ रही है।आशा राम व्यास सहित टीम के अन्य सदस्यों को अपनी शुभकामना देते हुये इस कार्यक्रम की सफलता के साथ इसके सरक्षंण किये जाने का सन्देश दिया।
इस अवसर पर जगतगुरु कृष्णाचार्य महाराज ने उत्तराखण्ड देवभूमि के बारे में बताया कि देवताओं ने भी इस भूमि में अपने प्रियजनों को बसने ओर तपस्या करने को कहा है भारत वर्ष के सभी प्रमुख ग्रंथों रामायण, गीता, वेद और 18 पुराण और उपनिषद की यही रचना की गई। जब इस भूमि में देवताओं ने वास किया है तो वो भी बृन्दावन की भूमि से उत्तराखण्ड में 1980 में आ गए।गङ्गा यही से निकलती है।भगवान कृष्ण का ये ससुराल है, पार्वती का मायका भी यही है।इस भूमि की महत्ता को बारम्बार प्रणाम है।उन्होंने अक्षय तृतीया पर अपने आश्रम में कृष्ण विवाह पर सभी को आमंत्रण दिया और समिति के सभी सदस्यों को अपना आश्रीवाद प्रदान किया ।इस कार्यक्रम में अच्युतानंदहर्ज, अखण्डनन्द महाराज, महन्त रवि प्रपन्नाचार्य, अनिता ममंगाई पूर्व महापौर, संतोष पांथरी, दिनेश मास्टर, चन्द्रवीर पोखरियाल, संजय शास्त्री, मूर्धन्य साहित्यकार वंशीधर पोखरियाल सहित अनेक गणमान्य जन मौजूद रहे जिन्हें समिति ने सम्मानित कर आभार व्यक्त किया
आज कार्यक्रम की शुरुवात हनुमान ध्वज की आराधना, दीप प्रज्वलन के बाद माँगल गीत एवम लोकल कलाकार रमेश उनियाल ने जीतू बगडवाल का जागर प्रस्तुत कर अपना कलेंडर का विमोचन सन्त , महात्माओं से कराया।इसके बाद स्थानीय बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर मनोरंजन किया। उसके बाद श्रीनगर के आये कलाकारों जयकृष्ण पैन्यूली एवम टीम ने महाभारत कालीन गैण्डा कौथिग का शानदार प्रदर्शन कर श्रोताओं को उत्तराखण्ड की महान सँस्कृति की झलक दिखाई।आज द्वितीय दिन कार्यक्रम को सफल बनाने में टीम के सभी सदस्य अपनी भूमिका का निर्वहन करते दिखाई दिये।
कार्यक्रम के दौरान समिति के अध्यक्ष आशा राम व्यास ने सभी आंगतुक अथितियों का स्वागत कर अपनी महान परम्परा को अपने बच्चों को अवगत कराने का अनुरोध किया उन्होंने कहा कि हम महान विरासत की संतानें है और देवभूमि में जन्म पाना हमारे उच्च संस्कारो का परिणाम हम इस महान कार्य के लिये संकल्प से सिध्दि तक अपना कार्य जारी रखेंगे और भावी पीढ़ी इसका सरंक्षण करे ये हमारी भावना है। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध आवाज संस्था के एंकरिंग डॉक्टर सुनील दत्त थपलियाल ओर रामकृष्ण पोखरियाल ने शानदार ढंग से किया।