नगर पालिका परिषद के अन्तर्गत 14 बीघा सार्वजनिक ग्राउण्ड पर ताला जड़ना ओर फिर जनता में व्यापक आक्रोश थमता नजर नही आ रहा है।
1 min readमुनि की रेती, नगर पालिका परिषद के अन्तर्गत 14 बीघा सार्वजनिक ग्राउण्ड पर ताला जड़ना ओर फिर जनता में व्यापक आक्रोश थमता नजर नही आ रहा है। वही इस विवाद की सही तस्वीर जो जनता के बीच मे है वो माँ गङ्गा रामलीला समिति ओर माँ भद्रकाली रामलीला समिति की आपसी कलह से जुड़ता देख रहे है। इस सम्बन्ध में आज माँ गङ्गा रामलीला समिति को प्रेस के माध्यम से अपना पक्ष रखना पड़ा है। अभी भद्रकाली रामलीला समिति ने इस सम्बंध में अभी कोई प्रतिक्रिया नही दी है।
नगर में पिछले 4 सालों से रामलीला का मंचन बाहरी कलाकारों के माध्यम से माँ गङ्गा रामलीला समिति कराती आ रही है किन्तु पिछले साल इस समिति के अध्यक्ष ने इस्तीफा देकर ऐगास के अवसर पर इसी ग्राउण्ड पर रामलीला का मंचन कर माँ भद्रकाली रामलीला समिति का गठन कर दिया। प्राप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये विवाद जिसमे वन विभाग का दखल बेबजह हुआ है उसकी मूल में ये दोनों रामलीला समिति का आपसी द्वन्द सामने नजर आ रहा है।
दशहरे में माँ गङ्गा रामलीला समिति रामलीला का मंचन कर रावण कुम्भकर्ण ओर मेघनाथ का पुतला का दहन करती है ।परन्तु इस बार इनके आपसी कलह के कारण इस सार्वजनिक स्थल पर जो सिंचाई विभाग ओर वन विभाग की बतायी जा रही है उस पर अकस्मात ताला जड़ना जनता का अपमान है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माँ भद्रकाली रामलीला समिति ने अध्यक्ष नगर पालिका परिषद को पत्र प्रेषित कर रामलीला मंचन के लिये ग्राउण्ड दिये जाने की स्वीकृति चाही गयी जो पालिका ने नियमानुसार रामलीला मंचन के लिये दे दी।जब इस बात का पता माँ गङ्गा रामलीला समिति को चला तो उनके द्वारा भी अधिशासी अधिकारी को इस सम्बंध में पत्राचार किया गया किन्तु उन्हें स्वीकृति प्राप्त नही हुई है। ये ही मूल कारण विवाद का बना है जिस पर वन विभाग को हस्तक्षेप करना पड़ा है।लेकिन इसका असली कोपभाजन जनता और नगर के बच्चों को झेलना पड़ रहा है।राम आदर्श, मर्यादा, त्याग , समर्पण और सत्य का बोध कराता है।जनता का कहना है कि क्या दोनों समिति मिलकर एक रामलीला का मंचन नही कर सकते है इससे एकता और रामायण का असली भाव जनता के बीच जायेगा। ज़के अलावा कृष्ण मंचन, पाण्डव नृत्य सहित अनेक धार्मिक कार्य है जिनको किया जा सकता है और परस्पर सहयोग भी प्राप्त किया जा सकता है।रामलीला समितियों का आपसी कलह का शिकार जनता को भुगतना पड़ रहा है जो उचित नही है।इस लड़ाई में आपसी सदभाव बिगड़ रहा है ।इसलिये जनता का कहना है कि ग्राउण्ड का ताला जल्द खुलेगा ओर जिसने ये सब कारनामा कर विवाद को जन्म दिया है उसको सार्वजनिक किया जायेगा। वन मंत्री को बेवजह इस मामले घसीटा जा रहा है।मामला उनके संज्ञान में नही है ।जल्द ही ये ग्राउण्ड स्थानीय जनता को उनके निजी कार्यो एवं सार्वजनिक कार्यो के लिये सुपुर्द कर दिया जायेगा।