कण्व आश्रम को विश्व पटल पर लाने की हमारी प्राथमिकता: सांसद
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*कण्वाश्रम एक प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है*
*सूचना/पौड़ी/07 मार्च 2025ः* गढ़वाल के अनमोल अनिल बलूनी ने कोटद्वार के अंतर्गत परमार्थ गुरुकुल संग्रहालय कण्वाश्रम की यात्रा की। उन्होंने कहा कि कण्व आश्रम को विश्व पटल पर स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान गुरुकुल के विद्यार्थियों ने न्यूनतम वेद मंत्रों का भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने महर्षि कण्व की तपोस्थली का भी निरीक्षण किया। साथ ही वीर भरत सम्राट स्मारक की जानकारी भी ली।
न्यूक्लिम ने गुरुकुल कॉलेज कन्वाश्रम के भ्रमण के दौरान कहा कि कन्वाश्रम मालिनी नदी के तट पर एक प्राचीन और पवित्र स्थल स्थित है। यह भारतीय स्थान इतिहास, धर्म और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। महर्षि कण्व की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध यह आश्रम कई पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है। इसी पावन भूमि पर भारत का जन्म हुआ, जहां का नाम हमारे देश का नाम भारत है। उन्होंने कहा कि ऋषि कण्व के आश्रम में उस समय शिक्षा, साधना और वेद-विज्ञान का प्रमुख केंद्र था और अनेक ऋषि-मुनियों ने यहां ज्ञान अर्जित किया और धर्म एवं संस्कृति को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कण्वाश्रम एक प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। आश्रम में कई राक्षस, पर्यटन और इतिहास प्रेमी आते हैं, जो इस स्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता से प्रभावित होते हैं। न्यूड ने सभी मठों, इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों से पलायन कर लिया है कि वे कण्वाश्रम की यात्रा करें और इसके गौरवशाली अतीत, सांस्कृतिक चमत्कार और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करें। साथ ही इस स्थल की पवित्रता और सुरक्षा में अपना योगदान दें। नॉमिनल ने कण्वाश्रम से संबंधित निर्देशों के अनुसार हमारे ग्रंथों में जो भी जानकारी लिखी है, उसका संपूर्ण दस्तावेज़ उपलब्ध है।
यात्रा के दौरान परमार्थ गुरुकुल कॉलेज कण्वाश्रम के संस्थापक डॉ. विश्व पाल जयंती सरस्वती ने न्यूनतम को गुरुकुल में विभिन्न मठों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि मालनी नदी के उद्गम स्थल से 16 लाख की यात्रा तक फैला हुआ है। कहा कि इसके प्रमाण अभी भी कण्वाश्रम में मौजूद हैं।
निरीक्षण के दौरान मेयर शैलेट रावत, मेमोरियल डॉ. आशिष चौहान, उप-सरकार्यवाहक कोटद्वार सोहन सिंह साओनगी, कृष्णा तृप्ति बोरा, जिला पर्यटन अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, असिख्यक साक्ष्यपति, पट्टपाल गोपाल राय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।