September 22, 2025

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जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखंड बना उत्तर भारत का पहला व देश का चौथा राज्य*

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*उपलब्धि: टमाटर में बायो रासायनिक आधार लागू करने वाला उत्तराखंड बना उत्तर भारत का पहला व देश का चौथा राज्य*

 

*विट्टा मंत्री अग्रवाल ने उत्तराखंड में रिबन का अनावरण किया*

 

*देश में गुजरात, पांडुचेरी, आंध्र प्रदेश के बाद उत्तराखंड का नाम दर्ज हुई यह उपलब्धि*

 

*देहरादून 31 जुलाई 2024।*

 

उत्तराखंड का नाम अब एक ओरिजिनल अचीवमेंट से जुड़ गया है। उत्तराखंड अब एसोसिएटेड बोर्ड में बायोमैथियोलॉजी आधार लागू करने वाला देश का चौथा राज्य बन गया है जबकि उत्तर भारत पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड में वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने इसका अनावरण किया।

 

रविवार को कार्यक्रम के डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नई दिल्ली में बिजनेस काउंसिल की 53वीं बैठक में चरणबद्ध रूप से अखिल भारतीय स्तर पर पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक आधार आधार प्रमाणीकरण (बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण) को लागू करने की सलाह दी गई थी। ।। इस क्रम में उत्तराखंड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार सिद्धांत (बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण) की व्यवस्था की गई है। बताया गया है कि देश में बायोमेट्रिक आधारित आधार लागू करने वाला उत्तराखंड का चौथा राज्य और उत्तर भारत का पहला राज्य है। इससे पूर्व गुजरात, पुड्डुचेरी और आंध्र प्रदेश में यह व्यवस्था है।

 

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था में ऑनलाइन आवेदन पत्रों को शामिल किया जाएगा, जिसमें पोर्टल पर कैटिपे मार्क्स और डेटा विश्लेषण के आधार शामिल होंगे। इसके सम्मिलन में दस्तावेज़ों का सत्यापन और बायोमाॅमिक कमिश्नर द्वारा अधिसूचित सीमेंट सुविधा केंद्र से प्रवेश शामिल है।

 

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य कर विभाग के प्रत्येक कार्यालय भवन में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण (बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण) को क्रियान्वित करने के लिए एक केंद्र स्थापित किया गया है। सुनिश्चित किया गया। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में ऐसे 22 सीटें सुविधा केंद्र स्थापित किये गये हैं।

 

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा आसान पंजीकरण प्रक्रिया का अनुचित लाभ लेने से फर्जी पंजीकरण प्राप्त हो गए हैं और राजस्व को नुकसान हुआ है। बताया गया है कि बायोमास आधारित आधार टेम्पलेट व्यवस्था के प्लेसमेंट से लेकर रजिस्ट्री में पंजीकरण की प्रक्रिया बेहतर होगी, जिससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त होने वाले पंजीकरण और फर्जी इनवॉइस के माध्यम से आयकर टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोके जाने में सहायता मिलेगी।

 

उल्लेख यह है कि गुजरात राज्य में बायोलॉजिकल आधारित आधार व्यवस्था व्यवस्था लागू करने के बाद से आवेदन आवेदन निर्माताओं में लगभग 55% की कमी दर्ज की गई है, जो इस बात का द्योतक है कि राज्य में फर्जी आवेदन पत्र निर्माताओं की संख्या कम हुई है यह लक्ष्य है कि इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू करने के लिए हर साल लगभग रु0 100 करोड़ से रु0 150 करोड़ तक के करापवंचन को लाभ संभव है।

 

इस पर सचिव वित्त विनोद कुमार सुमन, कमिश्नर कर डॉ. अहमद पाठक, अपर आयुक्त एमएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त आयुक्त गुप्ता, संजीव श्रीनिवास, अनुराग मिश्रा सहित अन्य आयुक्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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पूरे प्रदेश में 22 बिजनेस सुविधा केंद्र होंगे

दवा। मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 22 राज्यकर अधिकारी, 58 कर्मचारी प्रदेश के 22 रोमानिया सुविधा केंद्र में असंगठित रहेंगे। उन्होंने बताया कि वडोदरा, हरिद्वार, रुद्रपुर और बांसुरी में पांच-पांच केंद्र होंगे।

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फ़र्ज़ी नौकरी पर नियुक्तियाँ

दवा। मंत्री डॉक्टर प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि स्टेट कर में स्टोरीज की कहानियों को अंजाम देने वाले कुछ कथित लोग अभी तक टेंपो, क्रीप, ठेली, एफडी वाले आदि लोगों से उनके आधार नंबर और अन्य जानकारी के जरिए फर्जी तरीके से स्टेट कर में चोरी करते थे। उन्होंने बताया कि बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन के बाद ऐसी कहानियाँ पूरी तरह से ढह जाएंगी। जिस प्रदेश को स्वच्छ राज्य कर की प्राप्ति हो जाये।

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