September 23, 2025

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एम्स,ऋषिकेश एवं रोड एसोसिएशन के संयुक्त पहल पर प्रदेश के सभी 13 प्रतिभागियों का फास्ट रिस्पैंडर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्नातक प्रथम चरण में 50 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया।

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एम्स,ऋषिकेश एवं रोड एसोसिएशन के संयुक्त प्रथम प्रदेश के सभी 13 कर्मचारियों का फास्ट रिस्पैंडर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्नातक प्रथम चरण में 50 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण टीम के सदस्यों को राज्य के विभिन्न विचारधाराओं में सड़क के उद्घाटन की स्थिति में ट्रोमा में समर्थन प्रोत्साहन के लिए बताया गया।

एम्स के ट्रामा सर्जन डॉ. उनियाल ने बताया कि एम्स मधुर एंड रोड डिपार्टमेंट संयुक्त राज्य अमेरिका में यह कार्यक्रम निकट भविष्य में उत्तराखंड के हर जिले में 50 फास्ट रिस्पैंडर्स ट्रेन तैयार करने की मांग कर रहे हैं, जो किसी भी दुर्घटना की स्थिति में ट्रॉमा ट्रस्ट को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचा सकते हैं। प्रस्तावआएगा। सहायक उपकरण में डेथ रेट को कम करना। बताया गया है कि दूसरे चरण में भी 50 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। बताया गया कि दुर्घटना के मामले में तीन घंटे पहले अहम घटना में लापता लोगों में ज्यादातर 80 प्रतिशत शामिल थे। प्रशिक्षकों की सहायता से इस डेथ रेट को कम किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाके में एक दिन की सड़क दुर्घटनाएं आम बात है जिससे कैडफा लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क पर रोक लगाने के लिए लोगों से संपर्क करना और किसी भी क्षेत्र में ऐसी घटनाएं होने की स्थिति में पीड़ित को प्राथमिक उपचार के साथ-साथ सुरक्षित अस्पताल तक क्लिनिक में सहायक बनाना है। बताया गया है कि इस मदरसा के लिए एम्स ऋ षिकेश के ट्रॉमा सेंटर में कोचिंग को प्रशिक्षण देने के लिए कोचिंग में अहम भूमिका निभाई गई है।

क्या कहते हैं एम्स के विशेषज्ञ

एम्स की समीक्षा तब साबित होगी जब संस्थान राज्य में स्वास्थ्य के साथ विशेष रूप से ट्रॉमा के मामलों में लोगों से सलाह ले सके। एम्स रोड इंटरनेशनल के साथ मिलकर शुरुआत का यही उद्देश्य है। इस आशा के माध्यम से हमारी कोशिश है कि ट्रॉमा के मामलों में मृत्यु दर को कम करने में अपना योगदान सुनिश्चित किया जाए, जिसमें प्रशिक्षु सहायता प्रावधान शामिल है।

प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स वैश्य।

हमारा प्रयास इंस्टीट्यूट पब्लिक बेस्ड नहीं होना चाहिए, जिससे स्वास्थ्य जागरुकता के साथ-साथ ट्रॉमा के मामलों में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा सके। संस्थान राज्य सरकार संबंधित समूह, समूह के साथ मिलकर इस सुझाव को आगे बढ़ाएं।

डॉ. उनियाल, ट्रॉमा क्रिएटर्स मधुर एम्स,ऋषिकेश।

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