रिवर्स पलायन का सफल मॉडल: एकेश्वर के दो भाइयों ने स्वरोजगार की मिसाल पेश की*
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*(सफलता की कहानी
*सूचना/पौड़ी/07 जून, 2025:*
*नदियों के बहाव का सफल मॉडल: एकेश्वर के दो कारीगरों ने संगम की मिसाल पेश की*
*पौड़ी गढ़वाल, 07 जून 2025*
रिवर्स माइग्रेशन को सकारात्मक दिशा देते हुए विकासखंड एकेश्वर के दो युवाओं ने सरकारी मंजूरी का लाभ, आत्मनिर्भरता की प्रेरणा, एकेश्वर के दो युवाओं को दिया है। दलीबों गांव के निवासी पंकज रावत और महेंद्र रावत, जो पहले और निजी स्वामित्व में थे, अब कीवी और सेब उत्पाद के माध्यम से न केवल स्वामित्व प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं।
कोविड-19 लॉकडाउन से पूर्व दोनों भाई गांव लौट आए थे। प्रारंभिक विफलताओं के बाद उन्होंने वर्ष 2023 में ‘एप्पल मिशन’ और ‘कीवी मिशन’ के तहत बागवानी की शुरुआत की। दोनों ने इसमें कुल छह लाख रुपये के निवेश की मंजूरी दी, जिसमें उन्हें चार लाख अस्सी हजार रुपये का अनुदान सरकार से प्राप्त हुआ।
इस अनुदान से उन्होंने सेब के 250 औरवी के 35 उपचार रोपे। पूर्व में दिए गए 40 कीवी स्टॉक एक्सचेंज पर भी अब फल आने लगे हैं। महेंद्र रावत ने बताया कि इस साल सेब के बोर्ड में भी नतीजे आ गए हैं और दोनों व्यापारियों से अच्छे व्यापार की उम्मीद है।
कृषक परियोजना को जलागम विभाग और मनरेगा योजना का भी सहयोग मिला हुआ है। जलागम परियोजना के तहत सीईएनआईएल के अंतर्गत सोलर प्लांट की सुविधा दी गई, जबकि मजदूरों के माध्यम से भूमि समरूपता और पाइपलाइन निर्माण के लिए एक-एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई। कृषि विभाग ने प्लांट को सुरक्षित रखने में मदद की।
विकासखंड अधिकारी श्री नरेश चंद्र सुयाल ने बताया कि महेंद्र और पंकज जैसे युवाओं की पहली न केवल रिवर्स यात्रा को सकारात्मक रूप दे रही है, बल्कि यह सरकारी मंजूरी के प्रभावशाली सहायक का भी प्रमाण है।