2022 नरेंद्र नगर विधानसभा चुनाव 2007 का इतिहास दोहराने वाला है?
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नरेंद्र नगर विधानसभा चुनाव हमेशा से ही दो दिग्गजों के लड़ाई का मुख्य केंद्र बिंदु रहा है इस लड़ाई में कांटे की टक्कर रही है पर जीत का सेहरा सुबोध उनियाल के सिर पर ही सजदा रहा है सिर्फ एक बार 2007 में उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी ओम गोपाल रावत मात्र 4 वोटों से विजय रहे, लेकिन दो दिग्गजों की यह लड़ाई हर बार कांटे कि साबित होती रही है और 2022 का चुनाव यह साबित कर देगा कि कौन है खिलाड़ी नंबर वन l
नरेंद्र नगर विधानसभा का इतिहास रहा है कि यदि आमने-सामने की टक्कर तो वर्तमान विधायक को विजय श्री मिलने सुनिश्चित है परंतु यदि संघर्ष त्रिकोण होगा तो जीत सुनिश्चित तीसरे पक्षी की हो सकती है यदि 2007 के चुनाव की बात की जाए जिसमें लखीराम जोशी भाजपा सुबोध उनियाल कांग्रेस व उत्तराखंड क्रांति दल से ओम गोपाल रावत प्रत्याशी थे तीनों दिग्गजों के बीच की लड़ाई में 4 वोट सेओम गोपाल रावत विजय रहे और 2022 में भी यही समीकरण बनते हैं तो फिर 2007 का गणित द्वारा जा सकता है किंतु अभी तक भाजपा वह उत्तराखंड क्रांति दल से अपना प्रत्याशी घोषित किया है किंतु कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते खोले नहीं है l ओम गोपाल व हिमांशु फिलहाल कांग्रेस की दावेदारी में है
नगर विधानसभा 2017 के चुनाव की बात की जाए उस वक्त कुल मतदाता 84441 थे जिनमें से 44748 पुरुष वमहिला मतदाताओं की संख्या 39703 थी तथा 2017 में कुल 7 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे तथा कुल 52 562 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें भाजपा प्रत्याशी सुबोध उनियाल को 24194 और निर्दलीय प्रत्याशी ओम गोपाल रावत को 19132 मत प्राप्त हुए कांग्रेस प्रत्याशी हिमांशु बिजलवान को 4326 उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी सरदार सिंह पुंडीर को 3314 मत प्राप्त हुए l
सुबोध उनियाल एक बार फिर भाजपा से व सरदार सिंह पुंडीर एक बार फिर उत्तराखंड क्रांति दल से प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं, किंतु ओम गोपाल रावत हिमांशु बिजलवान दोनों में से एक कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होगा , यदि दोनों प्रत्याशियों के 2017 के वोटों का आकलन किया जाए तो यह आंकड़ा 23458 बैठता है कुल मिलाकर जोड़ घटाव के इस गणित में आंकड़ा ऊपर ज्यादा है यह नीचे यह तो वोटर तय करेंगे , kपर कुल मिलाकर यह तय है कि यह चुनाव कांटे की टक्कर साबित होगा जीत हार का गणित बहुत कम अंतरों से होगा l