नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के 43 वें सम्मेलन में क्लासिक से क्लासिक मेडिकल एक्सपर्ट्स ने मेडिकल हेल्थ वटीग्रेटेड हेल्थ पर व्यापक चर्चा की।
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नेशनल मेडिकोज ऑर्गेन लार्जेन के 43 वें सम्मेलन में क्लासिक से क्लासिक मेडिकल स्टूडेंट ने मेडिकल हेल्थ वेटीग्रेटेड हेल्थ पर व्यापक चर्चा की। कहा गया है कि स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए उपचार की सभी पद्धतियों का उपयोग आवश्यक है।
एम्स,ऋषिकेश के मुख्य आध्यात्मिक संस्थान में 130 मेडिकल लाइब्रेरी के छात्र-छात्रों और विशेषज्ञों ने स्वस्थ भारत की शिक्षा के लिए अपने विचार और परामर्श साझा किए। साइंटिफिक सेशन में मेडिकल के छात्रों ने सर्वाइकल कैंसर, आर्टिफिशियल क्लिनिक, एडिमा सेशन पर अपने विचार रखे।
डिजिटल स्वास्थ्य आधारित सत्र के अंतर्गत एम्स, विश्वनाथ के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने डिजिटल स्वास्थ्य को समय की आवश्यकता वाले ई-संजीवनी, टेलीकंसल्ट मिशन टेली वेमेडिसिन आधारित आदि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया। कहा कि जब पूरे देश में कोविडकाल के दौरान लॉकडाउन लगा था तब टेलीमेडिसिन के माध्यम से ही नाइटस्टैंड को स्वास्थ्य परामर्श से उनका इलाज किया गया था। उन्होंने ईस्ट मैनचेस्टर चंडीगढ़ में दी गई सेवाओं के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि टेली एजुकेशन करंट की वह स्वास्थ्य सुविधा है, माध्यम से फैकल्टी सदस्य शामिल होकर एक टीचिंग कोर्स संचालित कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने जेपीआर सिस्टम के लाभ का भी उल्लेख किया।
डॉ. सुजीत धर ओरियन सत्र के दौरान कोविड वैक्सीन का अविष्कार करने वाली टीम में वैज्ञानिक एवं चिकित्सा विशेषज्ञ एम्स, दिल्ली के रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. बलराम ने कोरोनाकाल के दौरान देश के हालातों और कोविड वैक्सीन के निर्माण के समय की घोषणा अपने अलग-अलग मंच से की और सफलता तक की जानकारी दी।
उन्होंने 27 जनवरी 2020 को देश में कोविड टीकाकरण का पहला मामला सामने आया है, जिसे लेकर गांव-गांव में कोविड टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार के देश के चिकित्सा विशेषज्ञ और विशेषज्ञ ने दिन-रात काफी मेहनत की, वैक्सीन तैयार करने में सफलता प्राप्त की, साथ ही उन्होंने 24 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से निर्मित लाइफ लाइन का ऑपरेशन किया। किया। किया। ज़िक्र ने कहा कि देश में कोविड संक्रमण पर रोक के साथ यह भी दावा किया गया कि विदेशी भारतीयों को वापस लाया जाएगा। डॉ. विश्वगुरु ने बढ़ते भारत के बारे में कहा कि 1947 में हमें कनाडा से 100 देशों को विभाजित किया गया था, लेकिन 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कनाडा को विश्व के 100 देशों में शामिल किया गया।
इंटीग्रेटेड मेडिसिन सत्र में डॉ. वाइके गुप्ता ने कहा कि उपचार के सभी प्रतिभागियों को स्वस्थ बनाना है, वर्तमान समय में हमारे उपचार के सभी हितधारकों में सहयोग स्थापित करना उनका उपयोग करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हर दवा से फायदा तो होता है, लेकिन उसके कुछ न कुछ साइड इफेक्ट भी जरूर होते हैं। उन्होंने बताया कि योग और आयुर्वेद में हजारों वर्षों का ज्ञान शामिल है, हमें उपचार की पद्धतियों को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
कॉर्डियोलॉजिस्ट एवं प्रो.मोहित गुप्ता ने योग चिकित्सा विज्ञान के सहयोग पर जोर दिया और कहा कि मरीज के इलाज के लिए डॉक्टर के साथ-साथ मरीज को तनाव मुक्त रहने के टिप्स भी दें। उन्होंने बताया कि अंतिम दौर में कई सड़कों पर तनाव है। उन्होंने मन और मस्तिष्क को भी स्वच्छ और सकारात्मक बनाए रखने पर भी ज़ोर दिया।
परमार्थ निकेतन की देवी भगवती सरस्वती ने बताया कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि जब हम अपने जीवन में योग और ध्यान स्थापित करेंगे तो प्रतिरक्षा समान ही मजबूत होगी। साथ ही कहा कि स्वस्थ रहने के लिए हमारे आसपास के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखना जरूरी है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार डॉ. अशोक वार्ष्णेय ने प्रकृति आधारित विरोधाभासों पर ज़ोर दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में अलग-अलग उदाहरण दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि दौड़धूप भरी इस वर्णन में व्यक्तित्व स्वस्थकर ही हम स्वस्थ और निरोगी रह सकते हैं। कहा कि हमें इसके विरोध में आहार को त्यागकर मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।
चुनौती के दौरान एनैलेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक खंडेलवाल, एम्स दिल्ली के निदेशक डा. एम. श्रीनिवास, नेशनलो के उत्तराखंड अध्यक्ष डॉ. अचल जैन, इवेंट के इवेंट अध्यक्ष पंकज शर्मा, इवेंट सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह, हिमालयन हॉस्पिटल के मास्टर डॉ. अशोक देवरानी, उपनिदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित पारासर, प्रो. मनोज गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी धर, प्रो. ब्रिजेन्दर सिंह, राष्ट्रपति संदीप कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।