September 21, 2025

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नेशनल रंगोली में छह में से पांच पुरस्कार रहे एम्स के नाम

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ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम में अंगदान प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्थान में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई रंगोली प्रतिस्पर्धा के अव्वल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान संस्थान में किडनी प्रत्यारोपण के बाद स्वस्थ हुए मरीजों को भी संस्थान की ओर से पुरस्कृत किया गया। इस दौरान उन्होंने किडनी ग्रसित मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण के लिए प्रोत्साहित भी किया।

 

गौरतलब है कि गत माह जनवरी 2024 में यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी विभाग, नर्सिंग कॉलेज और मोहन फाउंडेशन की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर किडनी व अंगदान प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें पहले श्रेष्ठ छह पुरस्कारों में से पांच एम्स,ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्रतिभागियों ने हासिल किए हैं। बीते माह 22 जनवरी को आयोजित रंगोली के जरिए संस्थान के प्रतिभागी गुर्दा व अंगदान ट्रांसप्लांट को लेकर सबसे बेहतर संदेश देने में सफल रहे। जिसके लिए उनकी रचनात्मक कलाकृतियों को सर्वोत्तम चुना गया। कार्यक्रम के दौरान एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया ने अव्वल प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए।

इस अवसर पर यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल, यूरोलॉजी विभाग के प्रो. अरूप कुमार मंडल, डॉ. विकास पवार, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शेरोन कंडारी ने संस्थान में तीन सफल गुर्दा प्रत्यारोपण पर ग्रसित रोगियों व उनके डोनर्स को भी संस्थान की ओर से सम्मानित किया। इस दौरान एम्स में गुर्दा प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों व उनके परिजनों ने अपने अनुभव जनसामान्य के समक्ष साझा किए और लोगों को अंगदान व गुर्दा ट्रांसप्लांट के लिए आगे आने का आह्वान किया।

 

नुक्कड़ नाटक के जरिए दिया संदेश

इस अवसर पर यूरोलॉजी विभाग के ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग के विद्यार्थियों ने मरीजों व उनके तीमारदारों को गुर्दा व ऑर्गेन्स डोनेशन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नुक्कड़ नाटक के जरिए संदेश दिया कि किडनी खराब होने की स्थिति में हम अपने रक्त संबंधी को अपनी एक किडनी को डोनेट कर सकते हैं, इससे दोनों स्वस्थ रहते हैं और हम अपने प्रियजन को जीवनदान दे सकते हैं। साथ ही नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से सड़क दुर्घटना अथवा अन्य कारणों से अकाल मृत्यु होने पर विभिन्न ऑर्गेन डोनेट करने पर हम किसी जरुरतमंद को जीवनदान दे सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. रोहित गुप्ता, प्रिंसिपल नर्सिंग स्मृति अरोड़ा, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ प्रवीन, चीफ नर्सिंग ऑफिसर डॉ. रीटा शर्मा आदि मौजूद थे।

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