पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सम्भावनाओ को तलाशते जिलाधिकारी पौड़ी
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(Sanjay Badola,)
पौड़ी पर्यटन नगरी के रूप में ख्याति प्राप्त है किन्तु वर्ष भर यँहा पर्यटकों की संख्या में गिरावट आना जिलाधिकारी पौड़ी को नागवार लगा है और वो इसके लिए दिन रात कठिन परिश्रम कर इसको वर्षभर पर्यटकों से जुड़ने की कवायद कर रहे है।उनकी ये मेहनत जरूर कारगर साबित होगी।
वैसे ऐसा नही है पौड़ी जनपद के स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला आदि वर्ष भर देशी विदेशी सैलानियों से भरा रहता है ।इसके अलावा राफ्टिंग,पैराग्लाइडिंग आदि साहसिक ओर ट्रैकिंग रूटों का केंद्र बिन्दु का दर्जा हासिल है।जबकि जिलाधिकारी पौड़ी का पौड़ी के अन्य दुरस्त इलाके जो पर्यटन नक्शे में नही उभर पाये है उनको पर्यटकों ओर आमजन मानस के सामने लाकर हर क्षेत्र को आत्मनिर्भर ओर विकास से जोड़ने की मुहिम है।उनके द्वारा अभी हाल ही में प्राचीन समय मे बद्रीनाथ यात्रा मार्ग लक्ष्मणझूला से देवप्रयाग तक स्वयं पैदल भ्रमण कर आंकलन कर रिपोर्ट तैयार कर भविष्य में इसको धरातल पर उतारने की कवायद है। इसी प्रकार उन्होंने कई ट्रैकिंग रूट जिन पर किसी का ध्यान नही गया उन रूटों ओर ट्रैकिंग कर भविष्य में इन्हें पुनः चालू करने की कवायद की है। पर्यटन के क्षेत्र में पौड़ी को एक नई पहचान मिले उसके लिये कई कार्ययोजनाओं को तैयार कर जिला पर्यटन सहित अन्य कार्यदायी संस्थाओं के साथ बैठक कर प्रारूप तैयार कर लिया गया है।जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान पूर्व में गढ़वाल मण्डल विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक पद पर रहे है उन्हें पर्यटन की बारीकियों ओर कमियों की जानकारी है।
डॉक्टर चौहान ने सरकारी मशीनरी जो खस्ताहाल में समय के महत्व को नही समझ रही थी उन्हें अब पटरी पर लाकर उन्हें जिम्मेदारी का एहसास करवाने जा कार्य किया है ।
हर क्षेत्र में उनकी निगरानी से क्षेत्र के विकास में नई चेतना का उदय हो रहा गया।लापरवाही ओर अनुशासन हीनता ओर उनकी कार्यवाही से अधिकारियों में दहशत का माहौल बना है उन्होंने कई विभाग के अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर उनके वेतन आहरण पर रोक सहित विभागीय कार्यवाही करने के आदेश निर्गत किये है। ऐसे में अगर जिलाधिकारी पौड़ी का ये साहसिक कदम पर्यटन की अपार सम्भावनाओ को तलाशते हुए एक संजीवनी साबित होगा जिससे यँहा के युवा ,आमजनों को लाभ पहुंचेगा साथ ही पलायन, शिक्षा समेत विकास को बल मिलेगा।