स्वामी समर्पण आश्रम तपोवन मैं पंचाग्नि साधना का समापन
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आज दिनांक ११ मई को स्वामी समर्पण आश्रम मैं १४ जनवरी से चल रही पंचगनी साधना का समापन हुआ। इस अवसर पर आश्रम के परमाध्यक्ष अवधूत स्वामी समर्पणानंद महाराज द्वारा हर वर्ष की भांति विशाल साधु भण्डारा का आयोजन किया गया और स्वामी जी द्वारा पंचाग्नि साधना का महत्व भी बताया गया। यह साधना पिछले ९ साल से लेकर १२ साल तक चलेगी।पंचाग्नि साधना बहुत प्राचीन और कठिन साधना है। यह साधना सबसे पहले माता पार्वती ने शिव तत्त्व प्राप्ति के लिए की थी।
पंचाग्नि साधना एक प्राचीन हिंदू तपस्या है जिसमें साधक अपने चारो ओर पांच अग्नि बनाकर ध्यान करते है। यह साधना आत्म ज्ञान प्राप्त करने, परमात्मा से जूड़ने और शरीर शुद्ध करने के लिए की जाती हैं। इसके साथ साथ अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर मोक्ष प्राप्त करने का साधन भी है। और विश्व की शांति के लिए स्वामी जी यह साधना पिछले ९ वर्षों से करते आ रहे है।
इस भंडारा मैं कैलाश आश्रम, हरिहर पीठ, शिवानंद आश्रम और भिन्न भिन्न आश्रम के ५५ महात्मा लोग आये। कुछ विदेशी साधक भी उपस्थित रहे जो लोग आश्रम मैं योग वेदांत और भारतीय संस्कृति का अध्ययन कर रहे है।