भेदभाव और समन्वय बनाने के लिये सहभोज का आयोजन जरूरी- पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
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मुनि की रेती,सनातन ओर सँस्कृति के लिये विख्यात राधा कृष्ण मन्दिर मधुवन आश्रम में सर्व समाज एकता सेमिनार एवम सहभोज कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवम महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सनातन धर्म ग्रन्थों में सबको ईश्वर की संतान बतलाया गया है तो फिर कोई भी छोटा, बड़ा नही है ना ही कोई ऊंचा है अथवा नीच है।अज्ञानता वश समाज मे व्याप्त इस कुव्यवस्था को मिटाने के लिये समाज को जागरूक करने के लिये सेमिनार के साथ सहभोज कर्यक्रम आयोजित कर ही समानता की स्थापना की जा सकती है और भेदभाव को समाप्त किया जाने का ये कारगर तरीका हो सकता है।उन्होंने समाज के हर तबके से अपील की है कि राष्ट्र सर्वोपरि है।और हम सब भारत माँ के सपूत है।
इस अवसर पर मधुवन आश्रम के पीठाधीश्वर परमानन्द दास ने गीता का उदारहण देक्फ सनस्तन धर्म की महत्ता ओर सबके कल्याण बात कही है।उन्होंने कहा कि इस धर्म की अलख जगाने को संस्था सनातन प्रहरी के रूप में निरन्तर जागरण का कार्य कर समाज मे परिवर्तन लाकर भेदभाव को समाप्त करने की कोशिश कर रहा हैं।
सेमिनार के संयोजक प्रेस क्लब मुनिकी रेती के अध्यक्ष सूर्य चन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखण्ड के वरिष्ठ पूर्व मुख्यमन्त्री ओर महाराष्ट्र के राज्यपाल अपनी सेवा से अवकाश के बाद आदर्श सनातन के उत्थान और भेदभाव, जातिवाद आदि को समाप्त करने के लिये कल्याणकारी परिवर्तन करने के लिये दिन रात समाज को जगाने का कार्य कर रहे है।
इस अवसर पर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने पूर्व राज्यपाल का स्वागत करते हुए सर्व समाज सम्मान को व्यवहारिक बताते हुई इसको जन जन में आगे बढ़ाने का आह्वान किया।इस आंदोलन से भारत बहुत मजबूत होगा और देश मे हिन्दू धर्म विश्व मे अपनी धर्म पताका फहराने में कामयाब होगा।
इस सेमिनार कार्यक्रम में अर्जुन दमाण, रमेश पुंडीर, प्रमुख समाजसेवी इंदिरा आर्य, दीपा भट्ट, किरण चौहान, आशीष कुकरेती, विमला बडोला, रवींद्र भण्डारी, विजय बिष्ट, प्रमुख समाजसेवी चन्द्रवीर पोखरियाल, पूर्व पालिका अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, गीता दमाण हर्ष कौशल आदि अनेक जन मौजूद रहे।