तपोवन दूर, दिल्ली पास।यात्रा से पूर्व ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमराई।जगह जगह जाम सबक ना लेना पुलिस प्रशासन के लिये सिरदर्द बना
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मुनि की रेती, अभी चार धाम यात्रा का जनसैलाब सड़को में नही आया है बाबजूद इसके जगह जगह सड़को में अनाब शनाब ढंग से वाहनों के काफिले जाम की मुसीबत बन गए है और रही सही कसर गूगल बाबा का प्रयोग करने वाले मुसाफिर जल्दी गतंव्य तक पहुंचने के लिये मुख्य मार्ग से इतर गली ओर स्थानीय जनता के प्रयोग मार्ग पर अपने वाहनों को जबरन दौड़ाने के कारण घण्टो घण्टो जाम में भूखे प्यासे फंसे रहे।जबकि पुलिस प्रशासन चाहे देहरादून, टिहरी, पौड़ी का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन में समन्वय की कमी भी साफ देखने को मिली जबकि पूर्व से ये समस्या जगजाहिर ओर इस देवभूमि के लिये जंजाल बना है।आखिर प्रशासन कब खबर लेगा और आने वाले पर्यटकों ओर स्थानीय लोगो को इस भयंकर समस्या से निजात दिलाने में कारगर साबित होगा।
शनिवार हनुमान जयंती ओर वीकेंड डे के कारण ऋषिकेश , मुनि की रेती की हर गली मोहल्ले में बाहर से आये पर्यटकों के वाहनों की आवाजाही ने पूरे शहर को जाम नगर बना दिया और स्थिति तब ओर बिगड़ गयी जब मुनि की रेती से ढालवाला मार्ग, आई एस बी टी से चौदह बीघा के हर गली में हरियाणा, दिल्ली और अन्य राज्यों के वाहनों के गली मोहल्लों में घुसने के कारण जगह जगह जाम ओर स्थानीय लोगो का अपने घरों से निकलना दुर्भर हो गया ।इस समस्या से निजात दिलाने को नगर के युवाओं जिनमे अजय रमोला, गजेंद्र सिंह सजवाण, श्रीनेगी श्री पुंडीर सहित अनेक युवाओ ने मोर्चा संभाल कर स्थानीय जन को राहत दिलाने की कोशिश जरूर की।यही नही कुछ लोग इस जाम की स्थिति में अपनी सियासत से बाज नही आये और नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ शोशियल मीडिया में विरोध करते दिखाई दिये जबकि समस्या का हल तो जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है।लेकिन ये हाल जब अभी चारधाम यात्रा शुरू नही हुई है बन गया है तो जब चार धाम यात्रा शुरू होगी और ऋषिकेश से यात्रा पंजीकरण की सुविधा पर्यटकों को प्राप्त होगी, राफ्टिंग, वर्ष भर आने वाले सैलानी ओर मई जून में गर्मी अवकाश में अवकाश के दौरान पहाड़ अपने गांव में आने वाले लोगो को किस कदर संकट से जूझना पड़ सकता है।इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।ऐसा प्रशासन और सरकार किस काम की है जो वर्षो से इस समस्या का निदान ना ढूंढकर केवल आंकड़ों की दुहाई देकर पर्यटन विकास की बात करती है।सरकार को चाहिए समय रहते इस समस्या का त्वरित निदान के साथ पर्यटकों को हर स्तर पर सुविधा प्राप्त हो और समय से वो अपने गतंव्य पहुंचे इस दिशा में कार्य धरातल ओर दिखना चाहिए।अभी तो ये है कि ऋषिकेश सेदिल्ली पास ओर तपोवन दूर जँहा 5-6 घण्टो में पर्यटक 3 किलोमीटर यात्रा की दूरी तय कर पा रहा है जबकि स्थानीय लोगो का घरों से निकलना ओर जरूरी काम प्रभावित हो रहे है।सरकार और पुलिस प्रशासन सबक लेकर ट्रैफिक व्यवस्था ठोस योजना के साथ जनहित में पेश करे।साथ ही अगर वाहन कतारों में एक लाईन में आएंगे और जायेंगे तो फिर जाम की स्थिति पैदा ही नही होगी।साथ ही गली मोहल्लों से पूर्ण रुप से बाहरी वाहनों की आवाजाही बंद होनी जरुरी है।अगर फिर भी ये वाहन गली मोहल्लों में घुसते है तो फिर इनका चालान कर भारी धनराशि जुर्माने के रूप में लगाई जाए।ट्रैफिक व्यवस्था के कारण जनता में भारी असंतोष दिखाई दे रहा है जिसका निराकरण सरकार और प्रशासन के हाथ मे है। कैलाश गेट पुलिस चौकी के प्रभारी संजय देवरानी अपने पैर फैक्चर होने के बाबजूद भी अकेले वाहनों को कतारवद्द चलने ओर व्यवस्था को सुचारू रूप से करते देखे गए