उत्तराखण्ड के प्रसिद्द लोकगीत कलाकार ने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आये योगसाधको को झूमने को मजबूर कर दिया
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ऋषिकेश, अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन माँ गङ्गा आरती के बाद उत्तराखण्ड की सँस्कृति, पर्यावरण और अपनी परम्परा को जीवंत रखने के लिये गढवाली लोकगीत के माध्यम से एक नई पहचान देने का कार्य नरेंद्र सिंह नेगी ने विगत दशकों से दिया है।उत्तराखण्ड सहित देश विदेश में उनके प्रशंसको की तादात करोड़ो में है। उन्हें निगम के महाप्रन्धक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक वित्त भारत चंद एवम सहायक प्रधान प्रबन्धक एस पी एस ने विकास शर्माको स्मृति चिन्ह भेंट किया इस अवसर पर विकास शर्मा ने नरेंद्र सिंह नेगी को शाल ओर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
गढ़वाल के नामचीन कलाकार नरेंद्र सिंह नेगी ने योग महोत्सव में आये योगाचार्यो और योगसाधको का आभार व्यक्त करते हुये प्रथम पूज्य श्री गणेश, माँ गंगा का स्मरण वन्दन कर कार्यकर्म की शुरुवात की। इस उत्तराखण्ड भूमि पर धरती हर गढ़वाल की,कख रोतली सावनी च,पँचबद्री, पंच केदार पंच प्रयाग…., कनु गन्दू करियाली माँ गंगा …हर हर गङ्गे.. नमो नारायण नरसिंग बाबा दूधाधारी तुम्हारी जय जय हो… द्रौपदी जागर की प्रस्तुति सहित नरेंद्र सिंह नेगी एवम टीम ने अनेक लोकगीत गाकर पूरे पण्डाल को नाचने को मजबूर कर दिया।आज नरेंद्र सिंह नेगी के कार्यक्रम में हजारों की भीड़ ने ताली बजाकर उनकी टीम का स्वागत किया।
इस अवसर पर महन्त मनोज द्विवेदी, रवि शास्त्री , विपिन जोशी सुनील भगत, भगत जी, नरेंद्र राणा,मनमोहन तड़ियाल, अजय कांत, अनिता मेवाड़, विमला रावत,ओम प्रकाश भट्ट, आशुतोष नेगी,दयाल सिंह राणा,विजय नेगी भारत भूषण कुकरेती,अजय कपटियाल सहित अनेक जनसमूह ने लोकगीतों का आनन्द लिया।