September 19, 2025

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प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के शीतकालीन यात्रा के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर उत्तरकाशी जिले के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में तेजी से तैयारियां की जा रही है

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उत्तरकाशी, 13 फरवरी 2025

 

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के शीतकालीन यात्रा के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर उत्तरकाशी जिले के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में तेजी से तैयारियां की जा रही है। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए इस क्षेत्र को सजाया-संवारा जा रहा है और युद्ध स्तर पर सड़कों व पार्किंग के निर्माण के साथ ही अन्य तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है। हर्षिल स्थित सेना के हेलीपैड तक बनाई जा रही सड़क के फिनिशिंग का काम भी अंतिम चरण में है और आज प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आज अपने वाहन से ही इस हेलीपैड तक पहॅुंचे। सड़क न होने के कारण सेना के द्वारा संचालित इस हेलीपैड के लिए अभी तक पैदल ही आवागमन करना पड़ता था। सामरिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण सीमांत क्षेत्र के इस हेलीपैड के अब सड़क से जुड़ जाने के फलस्वरूप जहां सेना को काफी सहूलियत होगी वहीं अतिविशिष्ट-जनों का आवागमन भी सुविधाजनक हो जाएगा।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दौरे को देखते हुए गंगाजी के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव में गंगा मंदिर की साज-सज्जा करने के साथ ही गांव के प्राचीन भवनों को संवारने का काम किया जा रहा है। मुखवा में मंदिर के पैदल मार्ग को नए सिरे से बनाने के साथ ही मंदिर के लिए सीढी का निर्माण कराया गया है। यह सभी काम अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री यहां पर पूजा-अर्चना करने के बाद हिमालय और हर्षिल घाटी के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन कर सकें, इसके लिए मंदिर परिसर में ही व्यू-प्वाइंट बनाया जा रहा है। मुखवा तक सड़क मार्ग को सुधारने व सुरक्षित बनाने के लिए अनेक कार्य कराए जा रहे हैं और गांव में पार्किंग का निर्माण भी अंतिम चरण में है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने इन तमाम कार्यों का आज मौके पर जाकर निरीक्षण किया और अधिकारियों को पूरी तत्परता व गुणवत्ता से सभी कार्य अविलंब पूरा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने पार्किंग स्थल पर स्मार्ट टॉयलेट बनाने के साथ ही पार्किंग की तरफ से मंदिर को जाने वाले पैदल मार्ग का सुधार किए जाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण करने के साथ ही गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल तथा सचिव सुरेश सेमवाल एवं पंडा-पुजारियों के साथ बैठक कर प्रस्तावित कार्यक्रम की रूपरेखा व व्यवस्थाओं को लेकर विचार-विमर्श किया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आगमन पर मुखवा को भव्य तरीके से सजाया-संवारा जाएगा। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के स्वागत को लेकर मंदिर समिति व ग्रामीणों के द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस ऐतिहासिक मौके पर ग्रामीण प्रधानमंत्री के सम्मान में पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुति देने की तैयारी में भी जुटे हैं। प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण को लेकर मुखवा गांव में उत्साह और उत्सव का माहौल है।

 

जिलाधिकारी ने हर्षिल में चल रहे कार्यों का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह निरंतर यहीं कैंप कर सभी कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा करवाएं और निरंतर तैयारियों व व्यवस्थाओं की निगरानी करते रहें। जिलाधिकारी ने कहा कि उच्चाधिकारियों के द्वारा जल्द ही यहां आकर निरीक्षण किया जाएगा लिहाजा सभी काम एक सप्ताह के अंतर्गत पूरे कर लिए जांय। जिलाधिकारी ने हर्षिल में कार्यक्रम स्थल, सड़क, पार्किंग आदि के कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही इस क्षेत्र की विद्युत व पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, सफाई तथा टायलेट्स निर्माण के कार्यों का भी जायजा लिया और सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान उपजिलाधिकारी भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला एवं उप उपजिलाधिकारी पुरोला गोपाल सिंह चौहान तथा अधीक्षण अभियंता लोनिवि हरीश पांगती सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

[2/13, 6:29 PM] +91 95364 84246: *38वें राष्ट्रीय खेल: भारत के खेल भविष्य की नई दिशा*

 

उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल सिर्फ एक प्रतियोगिता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह भारत के खेल भविष्य को नया आकार दे रहे हैं। यह खेल आयोजन प्रतिभा विकास, और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

 

ग्रासरूट स्तर पर खेलों का विकास

 

इस आयोजन का सबसे बड़ा प्रभाव निचले स्तर पर खेलों के विकास में देखा जा रहा है। देशभर से युवा एथलीटों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि खेल प्रतिभा सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं है। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से आए खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा साबित की है, जिससे आने वाली पीढ़ी को खेलों को गंभीरता से लेने की प्रेरणा मिलेगी।

 

खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार

 

उत्तराखंड में खेलों के लिए तैयार की गई विश्वस्तरीय सुविधाएं भविष्य के आयोजनों के लिए एक मानक स्थापित कर रही हैं। राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम और अन्य स्थानों पर खेल प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन ने दिखाया है कि खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से प्रदेश के खिलाड़ी और बेहतर कर सकते हैं।

 

पर्यावरण-अनुकूल आयोजन

 

इस राष्ट्रीय खेल आयोजन की एक और विशेषता इसकी पर्यावरण-अनुकूल पहल है। कचरा प्रबंधन और सस्टेनेबल डेवलेपमेंट की दिशा में किए गए प्रयास भविष्य की खेल प्रतियोगिताओं के लिए मिसाल बन रहे हैं।

 

इस तरह, 38वें राष्ट्रीय खेल सिर्फ पदक जीतने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह भारत में खेल संस्कृति को एक नई दिशा देने वाला आंदोलन साबित हो रहा है।

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