पहाड़ के स्वाभिमान मास्टर दिनेश को मिल रहे जनसमर्थन से, राष्ट्रीय दलो में मची खलबली
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ऋषिकेश, नगर निगम चुनाव में जँहा कांग्रेस , भाजपा ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे है वही पहाड़ की अस्मिता जल जंगल ओर जमीन सहित भू कानून, मूल निवास को लेकर मूल उत्तरखण्डी जिसका समाज मे वजूद रहा है उसको मैदान में उतारा है।कुल मिलाकर ये लड़ाई पहाड़ बनाम मैदान की जंग में तब्दील होता दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस ने अपने मेयर पद पर दीपक जाटव भाजपा ने शम्भू पासवान को मैदान में उतारा है क्योंकि ऋषिकेश मेयर पद की सीट आरक्षित होने की दशा में अनुसूचित जाति का प्रत्याशी चुनाव लड़ सकता है लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि इन राष्ट्रीय दलों को पहाड़ का कोई भी योग्य प्रत्याशी उपलब्ध नही हुआ जिसके कारण स्थानीय जनता ने अपना अपमान समझते हुये कांग्रेस पार्टी से दशकों से जुड़े बेहद सरल, सहज, ईमानदार जिनका जनाधार बहुत मजबूत है मास्टर दिनेश को मैदान में उताकर इस मेयर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है वही उक्रांद ने भी महेंद्र सिंह को अपना मेयर पद का उम्मीदवार बनाकर चतुरकोणीय मुकाबले में धकेल दिया है।
मैदान से उतारे प्रत्याशी जो मूलतः बिहार के रहने वाले है उनके समर्थकों ने एक बिहारी सौ पर भारी का नारा पहाड़ वासियों को देकर जो चुनोती दी है उसी के परिणाम में स्वाभिमानी पहाड़ी जाग गया और उसने इस चुनोती को स्वीकार कर पहाड़ की आवाज मास्टर दिनेश को अखाड़े में ला खड़ा किया है।पहाड़ वादियों ने जबाब में कहा कि एक पहाड़ी हजार बिहारियों पर भारी पड़ेगा।
मास्टर दिनेश ने अभी चुनाव अभियान का विधिवत श्री गणेश नही किया है किन्तु उन्होंने अपने समर्थकों के मध्य जाकर गाँव में मांगे जाने वाली डद्वार खुलकर माँगनी शुरू कर दी है।पहाड़ जे लोगो का उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है वही दूसरी ओर भू कानून और मूल निवास संघर्ष समिति ने भी उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
इस मेयर चुनाव में कांग्रेस, भाजपा के सदस्य भी अगर इस पहाड़ बनाम मैदान की बाजी में पलटी मारते है तो फिर कोई ताकत नही जो मास्टर दिनेश को शिकस्त दे सके।किन्तु कहावत है कि नारद ओर विभीषणों के कारण पहाड़ की हालत निरन्तर बिगड़ रही है ।अब बदलाव जरूरी है तो फिर निकाय चुनाव से ही इस लड़ाई को पहाड़ के हित मे मजबूती प्रदान की जाय।इसके लिये पहाड़ वासियों जागो ओर अपने स्वाभिमान ओर अस्तित्व के लिये भविष्य की मजबूती के लिये एक होने का कार्य करे। दल बाद में पहले पहाड़ ओर यँहा की जनता की रक्षा का सवाल है।