श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को मिली चार फैकल्टी
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*31 जुलाई 2024*
* कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के दो स्टोर्स का भी हुआ चयन*
*नवीन नियुक्तियों से वैज्ञानिक संस्था को विशेष धार*
प्रदेश के मेडिकल कोचिंग में फैकल्टी की कमी को दूर करने की दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेडिकल फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए फैकल्टी की कमी को दूर किया जा रहा है। इसी क्रम में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, श्रीनगर में राज्य सरकार ने विभिन्न कॉलेजों के तहत चार मेडिकल फैकल्टी और दो कैजुअल्टी मेडिकल प्रोफेसरों को मंजूरी प्रदान की है। नई मेडिकल फैकल्टी की फैक्ट्री से जहां मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी दूर होगी, अन्य संस्थानों में सुधार आएगा।
हेमवती नंदा बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के संरक्षकों के लिए संकाय साक्षात्कार/चयन समिति द्वारा स्नातक मेडिकल कॉलेज के विभिन्न अभ्यर्थियों के लिए रिक्त मेडिकल फैकल्टी के लिए साक्षात्कार आयोजित किया गया। जिसमें चयन समिति ने चार मेडिकल फैकल्टी और दो कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर का चयन किया। जिसमें पैथोलौली विभाग के अंतर्गत एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर डॉ. पवन भट्ट, नामांकित प्रोफेसर पद पर डॉ. स्वाति पुंडीर, आर्थोपेडिक्स डॉ. वेद प्रकाश अग्रवाल, ई.एन.टी. में डॉ. श्वेता पूरबी का हुआ चयन. इसी प्रकार कैज्यॉल्टी मेडिकल विभाग में डॉ. कज्यॉल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद पर। अजित कुमार और डॉ. कृष्णाकांत स्टार का चयन किया गया है। इन सभी फाइलों को राज्य सरकार ने संविधान के आधार पर मंजूरी दे दी है। पीडीएफ मेडिकल फैकल्टी एवं कज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर को तीन साल या उक्त पद पर नियमित नियुक्तियां होने तक जो भी पहले हो के लिए नियुक्त किया गया है। सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल फैकल्टी की दुकान के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इससे पूर्व राज्य सरकार ने लगभग एक कृंतक मेडिकल फैकल्टी की मंजूरी की पेशकश की थी, जिसमें अलग-अलग जेनेटिक्स में लगभग एक रसायनज्ञ मेडिकल कॉलेज शामिल थे। इन सभी गति नव नियुक्त मेडिकल फैकल्टी के आने से मेडिकल कॉलेज में शिक्षण में आएंगे साथ ही साथ डॉल को भी असिस्टेंट की डिग्री का लाभ मिलेगा।
*बयान-*
सरकार की ओर से प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रयोगशाला में उच्च स्तरीय शैक्षणिक प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिसमें मेडिकल फैकल्टी सहित ऑटोमोबाइल उपकरण, किताबें और शोध पत्र शामिल हैं। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से सभी मेडिकल फैकल्टी की कमी को भी दूर किया जा रहा है।-