September 16, 2025

JMG News

No.1 news portal of Uttarakhand

मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना बनी रोजगार की नयी राह

1 min read

 

*सूचना/पौड़ी/ 24 अगस्त, 2025:*

*योजना से गांवों में बसा नया विश्वास: पहाड़ अब खाली नहीं होगा, बल्कि विकास और आत्मनिर्भरता की मिसाल बनेगा*

 

 

राज्य सरकार की मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना अब पहाड़ के गांवों के लिये नई उम्मीद बनकर सामने आ रही है। सरकार की मंशा और विभागों की सक्रियता से आज पलायन प्रभावित गांवों में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में जयहरीखाल विकासखंड के जड़ियाना क्लस्टर को इस योजना के तहत चयनित किया गया था। यहां कृषि, उद्यान, डेयरी, पशुपालन, शिक्षा और रेशम जैसे विभागों की 13 योजनाओं को हरी झंडी मिली। लगभग 357 लाख रुपये की स्वीकृति में से 283.07 लाख रुपये का सफल व्यय कर लिया गया। अब तक 9 कार्य पूर्ण और 4 कार्य प्रगति पर हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी इसी क्लस्टर को चुना गया, जिसमें 07 कार्यदायी संस्थाओं के 07 कार्यों पर 151.93 लाख रुपये स्वीकृत हुए। इनमें से 129.43 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और खास बात यह कि 09 के सापेक्ष 08 कार्य पूरे हो चुके हैं जबकि 01 कार्य अंतिम चरण में है।

 

सबसे अहम कदम सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उठाया, जब केवल जड़ियाना तक सीमित न रहकर अन्य पलायन प्रभावित गांवों को भी योजना में जोड़ा गया। कुल 15 कार्यदायी संस्थाओं हेतु 15 योजनाएं स्वीकृत की गईं। इनमें औषधीय पौधारोपण, दोना-पत्तल यूनिट, उन्नत नस्ल की बकरी खरीद, लो पॉली टनल, शहतूत रोपण जैसे कार्य शामिल हैं। लगभग 164.87 लाख रुपये की कार्ययोजना में से अब तक डेयरी विभाग, मत्स्य, कृषि विभाग और उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न कार्यों में 32.18 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं। इनमें 01 कार्य पूरा, 06 प्रगति पर और 09 शीघ्र शुरू होने वाले हैं।

 

मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने बताया कि योजना का सबसे बड़ा परिणाम यह हुआ कि पलायन प्रभावित गांवों में युवा और ग्रामीण अब गांव में ही रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तलाश रहे हैं। डेयरी, पोल्ट्री, उद्यान, औषधीय पौधों और पारंपरिक संसाधनों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की राह आसान हुई है। ग्रामीण बताते हैं कि अब उन्हें आजीविका के लिए शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ रहा। गांव में ही डेयरी, बकरी पालन, पोल्ट्री और कृषि आधारित स्वरोजगार से बेहतर आमदनी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जयहरीखाल ब्लॉक के जड़ियाना गांव के अलावा द्वारिखाल, रिखणीखाल, पोखड़ा, यमकेश्वर, नैनीडांडा, बीरोंखाल, यमकेश्वर और विकासखंड खिर्सू में भी मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम हेतु गांवों का चयन किया गया है। कहा कि इन विकासखंडों मे भी विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं, जिससे यहां के लोग अपने ही गांव में रहकर रोजगार से जुड़ सकेंगे।

 

राज्य सरकार की यह योजना न सिर्फ पहाड़ के गांवों में विकास की गंगा बहा रही है, बल्कि पलायन रोकने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रही है। मुख्यमंत्री की इस पहल से यह संदेश साफ है कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं बल्कि उन्हें धरातल पर सफलतापूर्वक लागू करना है।

 

Breaking News