September 20, 2025

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एम्स ने संवारा चार पैर वाले विकृत बच्चे का जीवन – डाॅक्टरों की मेहनत लाई रंग, टीम वर्क से मिली सफलता – जन्म से ही थे चार पैर

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एम्स विश्विद्यालय

28 नवंबर, 2024

 

यह किसी चमत्कार से कम नहीं। मां के गर्भ से जन्म लेते समय ही जिस बच्चे के चार पैर थे और शरीर भी खंडित था, उसे एम्स के विशेषज्ञ केमिस्ट की टीम ने सर्जरी के माध्यम से एक सु लेवल और सुडोल स्वरूप दिया। असामान्य शरीर वाला यह बच्चा अब सामान्य बच्चों की तरह जीवन जी रहा है।

 

9 माह के इस बच्चे के माता-पिता 6 मार्च 2024 को बच्चे को लेकर जब एम्स रिवरेज की पीडियाट्रिक सर्जरी की सांप में समुद्र तट पर तो मासूम बच्चे के स्वरूप को लेकर हर कोई चौंक गया। अविकसित और विकृत स्वरूप के कारण से न केवल इस बच्चे के माता-पिता को चिंता थी कि बच्चा भी शारीरिक रूप से बहुत ही कष्ट में था। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख और एम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने बताया कि बच्चे के दोनों पैर सामान्य थे, जबकि उसके दो अन्य पैर असामान्य स्थिति में थे। इसके अलावा उसकी हड्डी के ऊपरी हिस्से में एक बड़ी सूजन भी बनी हुई थी। बच्चे का जन्म यूपी के में हुआ है। माता-पिता की यह चौथी संतान है। बच्चे का विवरण देखें पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के सर्जनों की टीम ने बच्चे के शरीर को सु विकसित करने के लिए व्यापक स्तर पर मेडिकल तैयारी की और अन्य संबन्धित जानकारी के चिकित्सकों से भी आवश्यक सलाह-मशवरा कर योजना को अंतिम रूप दिया।

 

पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर। इनोनो योशू ने इस बारे में बताया कि यह काम किसी चुनौती से कम नहीं था। इसके लिए बच्चे की विभिन्न प्रकार की भौतिक और वैज्ञानिक जांच करने के बाद लंबे समय तक पिरामिड कार्य योजना पर मंथन किया गया और अन्य सर्जरी से लेकर अंतिम सहायता तक दी गई। उन्होंने बताया कि सामान्य व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन इस बच्चे के शरीर में किडनी भी एक ही है। ऐसे में लगभग 8 घंटे तक चली बेहद जटिल सर्जरी के दौरान सर्जिकल टीम को बच्चों के जीवन से संबन्धित मामलों में बहुत ही चुनिंदा पात्र मिले। सर्जरी के 3 सप्ताह तक बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

 

संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने सर्जरी कराने वाले डॉक्टर्स की टीम की डायरेक्टर हैं। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ द्वारा नियुक्त यह कार्य किसी भी उपलब्धि से कम नहीं है।

 

इनसेट- 1

सर्जरी टीम में इन सहयोगियों के सहयोगी शामिल थे-

पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक विभाग, आर्थोपेडिक, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, इंटरवेशन रेडियोलाॅजी और एनेस्थेसिया विभाग।

 

इनसेट-2

दूसरा भ्रूण विकसित हुआ

जन्म के समय इस बच्चे को देखकर परिवार वाले डर गये थे। सबसे पहले उन्होंने बच्चे को समुद्र तट के अलग-अलग हिस्सों में दिखाया। एम्स के दस्तावेज़ों का कहना है कि यह बच्चा जुड़वाँ था, लेकिन माँ के गर्भ में समय रहते कुछ विकृति आ गई। संभवतः एक भ्रूण का विकास हुआ लेकिन दूसरा भ्रूण विकसित हुआ। दूसरे बच्चे के गर्भ में सिर्फ शरीर का नीचे का हिस्सा ही बन पाया। वह बॉडी में भी सबसे पहले बच्चे से जुड़ी थीं। इसलिए यह बच्चा आकृति स्वरूप में पैदा हुआ।

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