सिविल सेवा के लिए चयनित युवा अपने दायित्वों का ईमानदारी तथा सत्यनिष्ठा के साथ निर्वहन करे : मुख्यमंत्री
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिविल सेवा के लिए युवा अधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस सेवा से उनके जीवन की नई यात्रा शुरू हो रही है। संपूर्ण समाज की भावनाएँ जुड़ी हुई हैं। राष्ट्रीयता की विचार धारा को आगे बढ़ाना और प्रशासन तंत्र की संस्कृति को बढ़ावा देना उनका उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों के माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति में व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना और उन्हें बेहतर भविष्य देना युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
शनिवार को आईआरडी ऑडिटोरियम सर्वे चौक में मुख्यमंत्री श्री पुरुख सिंह ने संकल्प फाउंडेशन के सहयोग से 2024 की सिविल सेवा में 22 वीं वर्षगांठ और उनकी भव्यता का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के निर्माण की शुरुआत हो रही है। नया भारत कैसा होगा हमारे संस्थान और छात्र इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। देश के अमृतकाल को अमृत देने का कार्य भी युवा अधिकारियों के माध्यम से हो रहा है। 21वीं सदी के नवनियुक्त स्वामी सेवक व्यवस्था में बदलावों से विकसित भारत निर्माण में वे प्रमुख सारथी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने युवा अधिकारियों से महान औद्योगिक अधिकारी बनकर देश की संस्कृति के संरक्षक बनने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों की विश्वसनीयता और सत्यनिष्ठा के साथ ग़ुलाम बनाने में उनकी उत्कृष्ट कृतियों की पहचान बनेगी और जीवन में सफलता की राह पराकाष्ठा होगी। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि सिविल सेवा के साथ आपने देश सेवा का संकल्प लिया है। युवा अधिकारियों के निर्णय समाज के सभी दल इसके लिए कार्य संस्कृति में परिवर्तन लाने और मिशन कर्मयोगी के लिए 10 से 05 तक कार्य करने वाले होंगे। यह महान देश की सेवा का अवसर मिला है। देश के समागम में आने वाली फिल्म का सामना करने में सहयोगी सहयोगी देश की आत्मा को भी मजबूत बनाने में युवा अधिकारियों का योगदान हेगा।
मुख्यमंत्री ने संकल्प परिवार के प्रयास की पुष्टि करते हुए कहा कि संकल्प में शामिल होने के लिए इस बार 686 युवा सिविल सेवा में हस्ताक्षर किए गए हैं। यह संकल्प के उत्कृष्ट दिशानिर्देश का प्रतिफल हैं।
पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघ्न सिंह ने सिविल सेवा विभाग के अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा था कि वे भी किसी गलत फहमी का शिकार नहीं हो सकते। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक आइंस्टीन और वैज्ञानिक श्री लाल शुक्ला के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सिविल सेवा धन संचयन का माध्यम नहीं है। उन्हें अपना बेहतर प्रयास करने और विभिन्न विषयों के अध्ययन का फल बढ़ाने के साथ-साथ अपने आस-पास के ज्ञान को ग्रहण करने पर भी ध्यान देने का प्रयास करना चाहिए।
संकल्प के न्यासी श्री संतोष पाठक ने कहा कि संकल्प संस्था कोई कोचिंग संस्थान नहीं बल्कि बेहतर शिक्षा से लेकर शिक्षण क्षेत्र के लोगों की मदद करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि संकल्प गुरुकुल के माध्यम से आर्थिक रूप से विकलांग युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी में मदद की जा रही है। उन्होंने युवाओं को अधिकार देते हुए कहा कि समाज को आपके लिए बड़ी जगह मिलती है। आपको अपने कार्य व्यवहार में अपनी अभिभाषा की कथनी करनी होगी।
इस अवसर पर सांकेतिक सिविल सेवा के अधिकारी अंसल भट्ट, चमेली, रोमी बिजलवान, संदीप सिंह ने भी अपना अनुभव साझा किया।
कार्यक्रम को आर.एस.एस.एस. के पौराणिक प्रचारक दा शैलेन्द्र ने भी किया खुलासा। कार्यक्रम में इक्वाफाई विश्वविद्यालय के संरक्षक प्रो. राम किरण सिंह, पेरेले दून विश्वविद्यालय की डॉ. सुरेखा डंगवाल सहित बड़ी संख्या में शासन प्रशासन के अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।