आज के नेता कभी इस दल में ,कभी उस दल में कार्यकर्ता दलदल में l
1 min readओम गोपाल रावत 2007 उत्तराखंड क्रांति दल 2012 भारतीय जनता पार्टी और 2017 निर्दलीय 2022 कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था सुबोध उनियाल 2007 कांग्रेस 2012 कॉग्रेस 2017 भाजपा 2022 भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया इसका सीधा सा अर्थ या हुआ अपने हित को देखते हुए दलबदल जोड़-तोड़ की राजनीति ठीक इसी तरह टिहरी विधानसभा मैं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भाजपा में शामिल भाजपा के विधायक कांग्रेस में शामिल हुए l
इसी तरह से अन्य विधानसभा में भी यही हाल है ,या यूं कहें कि आज की राजनीति इन्हीं मापदंडों पर चल रही है क्या नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं को भी उन्हें मापदंडों के अनुसार चलना चाहिए l
भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना देखा था और इसी कारण दलबदल, जोड़-तोड़ की राजनीति शुरुआत की, तब से लेकर अब तक यह सिलसिला चल रहा है और इसका खामियाजा भी भाजपा को ही उठाना पड़ेगा जैसा कि उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला है,जो नेता भाजपा में गए थे वह आज वापस उसी दल में आ चुके हैं , हालांकि भाजपा का सपना था कि कांग्रेस मुक्त भारत किंतु कांग्रेस आज भी जीवित है, पर कांग्रेस मुक्त भारत के चक्कर में भाजपा ने जमीन खो दी और जो उसे मिलना असंभव सी प्रतीत हो रहीी है l
अब यह स्थिति हो गई नेता कभी इस दल में, कभी उस दल में पर दुर्भाग्य है कि कार्यकर्ता दलदल में l