तीर्थ व योग नगरी क्या अब* बार नगरी के रूप में जानी जाएगी ?
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तपोवन क्षेत्र में शराब बार शुरू होने के साथ-साथ यह साबित हो गया है कि अब तीर्थ नगरी व योग नगरी के रूप में विख्यात यह क्षेत्र बार खुलने के बात शराब के रूप में ज्यादा विख्यात होगा l
इसे समय की विडंबना कहें या फिर नई सोच ? जो नगरी संत महात्माओं, तीर्थ नगरी और योग नगरी के रूप में विख्यात है वह धीरे-धीरे शराब के कारोबार के रूप में विकसित होती जा रही है ,जहां कुंभ मेला पार्किंग के पास शराब का ठेका खोला जाना अनुचित ही नहीं बल्कि समझ से परे है, वहीं दूसरी तरफ ऋषिकेश में पहले से ही शराब बार है और अब तपोवन पर शराब बार खोला जाना कहां तक उचित है? पर इन सबके बीच जो खेल कल तक पर्दे के पीछे चल रहा था, वह अब पर्दे के आगे चलेगा ,जिससे सरकार को तो आमदनी होगी ,पर सवाल आमदनी का ही नहीं बल्कि तीर्थ नगरी की,मर्यादा का भी है और इसे कायम रखना सरकार की भी जिम्मेदारी है l
तपोवन क्षेत्र की चर्चा करें तो एक वह समय था जब लहराते हरे भरे खेत दिखाई देते थे, लेकिन अब तपोवन में होटलों का जाल बिछ चुका है और होटल व्यवसाय के रूप में नई ऊंचाइयोंं को छू रहा है , तपोवन निवासियों का कहना है कि अब तपोवन बच्चों केे साथ रहने लायक जगह नहीं जिससे स्पष्ट है कि तपोवन बदल चुका है l
तपोवन में सेक्स रैकेट के मामले से लेकर कौन सी गतिविधिया ऐसी हैं जो न होती हो ऐसा आम नागरिकों का भी मानना है लेकिन सिक्के के दो पहलू होते हैं एक तरफ कमियां है तो दूसरी तरफ तपोवन आज होटल व्यवसाय व राफ्टिंग व्यवसाय का प्रमुख केंद्र बन चुका है l
एक बार तपोवन क्षेत्र फिर सुर्खियों में है तपोवन में बार का लाइसेंस होते हैं अब सवाल यह उठता है कि यह क्षेत्र योग के रूप में प्रचलित होगा या फिर मदिरापान केे रूप में प्रसिद्ध होगा यह तो वक्त बताएगा किंतु इतना स्पष्ट है कि जो काम पर्दे के पीछे चल रहा है वह पर्दे के बाहर होगा l

