गढ़भूमि लोक संस्कृति सरंक्षण समिति ने बुढ़ देवा पौराणिक देव नृत्य,पंडवानी गीत का भव्य मंचन किया
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मुनि की रेती,गढ़भूमि लोक सँस्कृति सरंक्षण समिति के तत्वाधान में रामलीला ग्राउण्ड में बुढ़ देवा याने पुरातन ऋषि नारद देव नृत्य का भव्य मंचन वर्तमान काल को दृष्टिगत रखकर समाज मे आ रही विकृतियों को खत्म कर पुरातन सँस्कृति, सभ्यता के साथ अध्यात्म को जीवंत बनाने का सन्देश डॉक्टर ड़ी आर पुरोहित प्रख्यात रंगकर्मी द्वारा लिखित उत्तराखण्ड की पौराणिक विद्याओं का नाट्य नृत्य एवं गायन विद्याधर श्री कला शैलनट के कलाकारों ने जोरदार ढंग से प्रस्तुति दी।इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी संतोषा नन्द महाराज , ब्रह्मचारी केशव स्वरूप , महन्त मनोज प्रपन्नाचार्य, सुरकण्डा देव डोली के उपासक अजय बिजल्वाण एवं नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने दीप प्रज्जलवन कर कार्यकर्म का शुभारम्भ किया।इसके बाद सांकृतिक कार्यक्रम की शुरुवात उत्तराखण्ड के माँगल गीत से हुई।इस अवसर पर समिति ने सभी अथितयो को पुष्प गुच्छ , शाल ओर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास ने सभी का आभार व्यक्त कर अपनी सँस्कृति को आगे बढ़ाने और भविष्य को सीखने के लिये इस प्रकार के मंचन को किये जाने का संकल्प लिया।
उल्लेखनीय है कि समिति साल भर में अपनी उत्तरखण्डी लोक सँस्कृति, अध्यात्म के संवर्ध्दन के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करती है जिसका उद्देध्य इस विद्या से अपने भविष्य को रूबरू करवाना है ।आज हुए कार्यक्रम माँगल गीत के बाद विद्या मंदिर के बच्चों द्वारा महिषासुर मर्दनी का मंचन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए।इस अवसर पर प्रयास संस्था के माध्यम से अपनी विलुप्त होती सँस्कृति जिनमे तांबे का बंटा, सुप, कुदाली,घास लाने की कंडी, चावल कूटने मूसल आदि अनेक यंत्रों का नृत्य गायन से प्रस्तुतिकरण कर वाहवाही लूटी गई।इस अवसर पर गढ़वाल के हास्य कलाकार सन्दीप ने अपनी कला का जादू बिखेर कर जबरदस्त वाहवाही लूटी।कार्यक्रम में लोकल कलाकार रमेश उनियाल ने माँ जगत जननी का जागर की शानदार प्रस्तुति की।
श्रीनगर से आये कलाकारों ने बुढ़ देवा पौराणिक देव नृत्य को वर्तमान समय मे आ रही विकृति ओर उत्तराखण्ड के सम्मान को चोटिल करने वाली तम्माम विकृतियों को इस विद्या से जोड़ते हुये जबरदस्त प्रहार कर जनता को सोचने के लिये मजबूर कर दिया।साथ ही उत्तराखण्ड कैसे सवरेंगा उसको भी बेहत्तर ढंग से समझने का मंत्र दिया साथ ही अपनी पौराणिक नारद लीला जिसको ज्योतिर्मठ में बुढ़ देवा के रूप में पुकारते है।
कार्यक्रम का संचालन डाक्टर सुनील दत्त थपलियाल ओर रामकृष्ण पोखरियाल ने किया।इस अवसर पर समिति के तमाम सदस्य गजेंद्र कण्डियाल, विशाल मणी पैन्यूली, धनीराम बिंजोला, रमाबल्लभ भट्ट, महिपाल बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह भण्डारी ,घनश्याम नौटियाल आदि उपस्थित रहे। कल समिति की ओर से गैण्डा कौथिग सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम होने तय है।