September 19, 2025

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उत्तराखण्ड की जनता जबरदस्त बदलाव की ओर निकल पड़ी है,राष्ट्रीय दलों से मोह भंग

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ऋषिकेश, नगर निकाय चुनाव के परिणामों से भाजपा जिस जनून ओर खुशी के साथ जश्न मनाने की सोच रही परन्तु ऐसा क्या हुआ कि भाजपा इस निकाय चुनाव में सकते में नजर आ रही है ।चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों का बढ़ता कुनवा देखकर राष्ट्रीय दलों का दिन का चेन ओर रात्रि की नींद गायब हो गयी है। लोकसभा चुनाव में जनता ने जमकर मोदी के पक्ष में मतदान कर उन्हें उत्तराखण्ड की सभी सीटों पर विजयी बनाया।

अभी हाल ही में नगर निकाय चुनाव के परिणाम भाजपा और काँग्रेस के लिए गम्भीर चेतावनी के रूप में दिखाई दिए है जनता का रुझान इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों को जितवाने के पक्ष में दिखाई दिया हालांकि मेयर के 11 प्रत्याशियों में से 10 सीट पर पूरे तंत्र और षड्यंत्र के आरोप लगने के बाबजूद भी जीत हार का अंतर बहुत कम रहा है जो खतरे की घण्टी ओर जनता का बढ़ता आक्रोश की झलक है।
ऋषिकेश नगर मेयर चुनाव के परिणाम मास्टर दिनेश के पक्ष में नही आये है लेकिन जिस सुचिता ओर मर्यादा के साथ उन्होंने ओर दीपक जाटव ने अपना सयंम बनाकर चुनाव लड़ा वही भाजपा में खुलेतौर पर हताशा ओर निराशा देखने को मिली है।इस चुनाव में मास्टर ने ऋषिकेश वासियों के दिल जीत लिये है।वही पिछले कुछ समय से उत्तराखण्ड के अस्तित्व को लेकर आमजन भू कानून, मूल निवास के मुद्दे पर सड़को से लेकर राजधानी तक संघर्षरत है और इसमें जनता का लगातार कुनवा बढ़ता सरकार के लिये कठिन दौर कहा जा सकता है।
जनता का सरकार से पूरी तरह भरोषा उठने लगा है और उत्तराखण्ड में 3 फ्रंट बनने की कवायद जोर शोर से चल रही है इसका बिगुल 9 फरवरी 2025 से स्पष्ट तौर पर धरातल पर आ सकता है और युवा वर्ग से मोहित डिमरी, बॉबी पँवार, एल पी रतूड़ी, सुधीर राय सहित लगभग एक हजार से अधिक निष्ठावान समर्पित लोग सरकार से 25 सालों का लेखा जोखा मांगने सहित इनके कारनामों की पोल खोलने का कार्य करेगी। आज एक विशाल कार्यक्रम में मोहित डिमरी की उपस्थिति में युवा और महिला शक्ति का जो समर्थन देखने को मिला है उससे निकट भविष्य में बदलाव के रूप में देखने से इंकार करना गलत होगा।जनता का रुझान पहाड़ से लेकर मैदान तक बदलाव के संकेत की घण्टी बजा रहा है जिसकी शुरुवात 9 फरवरी को एक झलक के रूप में होगी और इसकी गूंज ग्राम पंचायत चुनाव पर अपना असर दिखाने का कार्य धरातल पर करेगी। सम्भवत अप्रैल माह में ग्राम पंचायत के चुनाव उत्तराखण्ड में सम्पन्न हो सकते है।

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