आद्य रामानंदाचार्य जगद्गुरु भगवान श्री रामानंदाचार्य महाराज की722वी जयंती बड़ी धूम-धाम के साथ मनाई गई
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                ऋषिकेश : आज दिनांक 24 जनवरी धर्मराज मंदिर लक्ष्मण झूला के प्रांगण में अनंत विभूषित रामानंदाचार्य जी की जयंती महोत्सव मनाई गई जिसमें धर्मराज पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर विष्णु दास महाराज की अध्यक्षता में संत महंत महामंडलेश्वर एवं आचार्यों के द्वारा रामानंदाचार्य जी के चरित्र पर प्रकाश डाला गया l
इस  अवसर पर अपने संबोधन में महामंडलेश्वर स्वामी विष्णु दास जी महाराज ने कहा कि आचार्य रामानंद जी स्वयं श्री राम जी के अवतार हैं उन्होंने आगे अपने संबोधन में कहा कि  सीतानाथ सभारमभान रामनंन्दाचार्य मध्यमाम अस्मताचार्य प्रयन्ताम वंदे गुरु परम पराम प्रथम आचार्य श्री राम जी द्वितीय में श्री रामानंन्दाचार्य जी हुए हैं l
आप सभी को अवगत कराते हुए बताना चाहता हूं कि जब जब धर्म की हानि होती है अधर्म का बोलबाला अधिक होता है तब तब प्रभु नाना प्रकार से किसी ना किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की स्थापना कर अधर्म का विनाश करते हैं आचार्य का “विशेष कारण से कब हुआ जब मुगलों का शासन अधर्म की प्रचंड सीमा पार कर चुका था ऐसे समय पर आकर के आदरणीय को अपनी शंख ध्वनि द्वारा उनके विकारों का हनन कर धर्म का बीज अंकुरित किया आचार्य जी की बहुत सारी लीलाएं है आज पूरे विश्व में सभी सभी अखाड़े मठ अपने-अपने स्थानों पर आचार्य श्री रामानंदाचार्य जी महाराज की 722 में जयंती बड़े धूमधाम के साथ मना रहे हैं क्योंकि जब जब धर्म की इस कलयुग में हानि होगी तब तक संत रूप मेरे भगवान अवतरित होकर राक्षसों का नाश करेंगे
इसी अवसर पर तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य  ने कहा कि राम जी स्वयं आदि रामानंदाचार्य जी के रूप में भूतल पर अवतरित हुए थे
इन्होंने संपूर्ण मानव समाज को जाति पाती के भेदभाव के विचारों से ऊपर उठकर समाज में समरसता अपनाया था इनके द्वादश शिशुओं में सभी जातियों के अनुरायी थे
जैसे संत कबीर दास संत रैदास सन नाई , घन्ना, पद्मावती सुरसरा नंन्द आदि प्रमुख थे
इस अवसर पर महामंडलेश्वर विष्णु दास  महाराज ,महंत मनोज प्रपन्नाचार्य ,तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, स्वामी राम कुमार दास स्वामी संजू बाबा , सखी बाबा, स्वामी महावीर दास महाराज स्वामी नर हरिदास, पंडित शेखर शास्त्री, वीरभद्र दास एवं समस्त सती सेवक एवं विरक्त वैष्णव मंडल, अखिल भारतीय संत समिति खडदर्शन साधु समाज आदि उपस्थित रहै

